कंसीव करने के 3-4 दिन बाद ही दिख जाते हैं प्रेगनेंसी के ये 3 शुरुआती लक्षण
प्रेगनेंसी के कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जो कंसीव करते ही दिख जाते हैं। आइए जानते हैं प्रेगनेंसी के एकदम शुरुआती लक्षण (Early Sign of Pregnancy in hindi)
प्रेगनेंसी के कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जो कंसीव करते ही दिख जाते हैं। आइए जानते हैं प्रेगनेंसी के एकदम शुरुआती लक्षण (Early Sign of Pregnancy in hindi)
ओव्यूलेशन महिलाओं के मासिक धर्म का ही एक भाग है, जिसमें ओवरी से अंडे के बाहर आने की क्रिया को ओव्यूलेशन कहते हैं।
महिलाओं में डायबिटीज मेलिटस (Diabetes Mellitus) उनकी मासिक चक्र की सेहत और प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। अनियंत्रित डायबिटीज मेलिटस, हॉर्मोनल असंतुलन की वजह से गर्भाश्य रक्तस्राव का कारक माना जाता है।
कंसीव करने बाद भी अधिकांश महिलाओं की जीवन शैली पहले जैसी अनहेल्दी रहती है, जिसका असर उनके होने वाले बच्चे पर पड़ता है.
गर्भनिरोधक गोलियां खाती हैं, तो इसके दुष्प्रभाव जैसे शरीर में दर्द, सिर दर्द, ऐंठन, स्तनों में दर्द या टेंडरनेस, मासिक धर्म इर्रेगुलर होना या अधिक ब्लीडिंग होने की समस्या को कम करेंगे ये हेल्दी फूड्स...
शादी के तुरंत बाद अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए करें इन 3 फूड्स का सेवन।
आयुर्वेदिक पंचकर्म थैरेपी के माध्यम से इनफर्टिलिटी का उपचार संभव है। अगर आप बार-बार ट्राई करने के बाद भी कंसीव नहीं कर पा रही हैं तो आपको किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।
अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए कई महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। ऐसे में आप ट्राई कर सकती हैं बर्थ कंट्रोल शॉट्स का। जानिए...क्या है बर्थ कंट्रोल शॉट्स के फायदे...
अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन एक बेहद आसान तरीका आपको लगता होगा, लेकिन शरीर पर इसके कई दुष्प्रभाव भी होते हैं। जानें, गर्भनिरोधक गोलियों से होने वाले दुष्प्रभाव (side effects of contraceptive pills) क्या हो सकते हैं...
Ashwagandha for Female Fertility: महिलाओं में बांझपन की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें खराब जीवनशैली, अनहेल्दी खानपान, हार्मोनल असंतुलन, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज, अधिक शराब का सेवन आदि।
यदि आपको भी हर दिन एल्कोहल के सेवन की लत लगी हुई है, तो साइंस के अनुसार, इसके शरीर पर होने वाले इन 5 बड़े नुकसानों (Side Effects of Alchohol) को भी जरूर जान लें....
मानसिक समस्या आपकी प्रजनन क्षमता को भी काफी हद तक नुकसान पहुंचाती है। इससे पुरुष और महिलाओं में इन्फर्टिलिटी की समस्या बढ़ सकती है, जिससे मां-बाप बनने की समस्या हो सकती है। जानिए, इन्फर्टिलिटी की समस्या खत्म करने के टिप्स...
35 साल की उम्र में या इसके बाद प्रेग्नेंट होने में महिलाओं को कई तरह की समस्याएं आने लगती हैं। इस उम्र में कई बार महिलाओं को इनफर्टिलिटी का सामना भी करना पड़ता है। हर महिला कुछ तय एग्स के साथ पैदा होती है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वह एग्स अपने आप घटने लगते हैं। साथ ही जो एग्स बचते हैं उनके साथ प्रेग्नेंट होने में दिक्कत आने लगती है। इस उम्र में यदि 6 महीने के प्रयास बाद भी आप गर्भवती नहीं होती हैं तो आपको डॉक्टर से कन्सल्ट करना चाहिए। इसके साथ ही आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बता रहे हैं जिन्हें फॉलो कर आपको गर्भवती होने में मदद मिल सकती है।
Stomach Pain During Pregnancy: प्रेग्नेंसी में शरीर में कई तरह के बदलाव और गर्भाशय का विस्तार होता है। इसमें शरीर के लिगामेंट्स भी फैलते हैं, ऐसे में पेट दर्द होना स्वाभाविक भी है। हालांकि, पेट दर्द होने के कई अन्य कारण भी होते हैं, जिसे गम्भीरता से लिया जाना चाहिए।
इनफर्टिलिटी हमारी जीवनशैली की आदतों पर निर्भर करती है। सही आहार के साथ प्रजनन क्षमता को बेहतर किया जा सकता है। आपको बस यह पता होना चाहिए कि प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए क्या खाना चाहिए (Foods to boost Fertility) और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
हाल ही में हुए एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि बार-बार जिन महिलाओं को गर्भपात होता है, उन्हें डायबिटीज खासकर टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
कुछ आयुर्वेदिक तरीकों और जड़ी-बूटियों (Herbs to boost fertility) की मदद से हार्मोन्स के स्तर को प्रभावित किया जा सकता है। इनसे, तनाव को भी कम करने में सहायता होती है। जो फर्टिलिटी के अलावा इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और लो-स्पर्म काउंट जैसी सेक्सुअल हेल्थ प्रॉब्लम्स से भी राहत दिलाता है। (Herbs to boost fertility)
कई शोध बताते हैं कि पहले तीन महीने में होने वाले गर्भपात ज्यादातर जीन की समस्या की वजह से होते हैं. कई बार 3 महीने से अधिक वाले गर्भपात में भी जीन को ही मुख्य कारण माना जाता है. गर्भपात के बाद महिलाओं में मानसिक बीमारी या डिप्रेशन का खतरा भी रहता है. आंकड़ों के अनुसार 35 साल की अधिक उम्र की महिलाओं में गर्भपात का खतरा अधिक होता है.
ओव्यूलेशन महिलाओं के मासिक धर्म का ही एक भाग है, जिसमें ओवरी से अंडे के बाहर आने की क्रिया को ओव्यूलेशन कहते हैं।
महिलाओं में डायबिटीज मेलिटस (Diabetes Mellitus) उनकी मासिक चक्र की सेहत और प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। अनियंत्रित डायबिटीज मेलिटस, हॉर्मोनल असंतुलन की वजह से गर्भाश्य रक्तस्राव का कारक माना जाता है।
गर्भनिरोधक गोलियां खाती हैं, तो इसके दुष्प्रभाव जैसे शरीर में दर्द, सिर दर्द, ऐंठन, स्तनों में दर्द या टेंडरनेस, मासिक धर्म इर्रेगुलर होना या अधिक ब्लीडिंग होने की समस्या को कम करेंगे ये हेल्दी फूड्स...
शादी के तुरंत बाद अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए करें इन 3 फूड्स का सेवन।
आयुर्वेदिक पंचकर्म थैरेपी के माध्यम से इनफर्टिलिटी का उपचार संभव है। अगर आप बार-बार ट्राई करने के बाद भी कंसीव नहीं कर पा रही हैं तो आपको किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।
अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए कई महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। ऐसे में आप ट्राई कर सकती हैं बर्थ कंट्रोल शॉट्स का। जानिए...क्या है बर्थ कंट्रोल शॉट्स के फायदे...
अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन एक बेहद आसान तरीका आपको लगता होगा, लेकिन शरीर पर इसके कई दुष्प्रभाव भी होते हैं। जानें, गर्भनिरोधक गोलियों से होने वाले दुष्प्रभाव (side effects of contraceptive pills) क्या हो सकते हैं...
Ashwagandha for Female Fertility: महिलाओं में बांझपन की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें खराब जीवनशैली, अनहेल्दी खानपान, हार्मोनल असंतुलन, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज, अधिक शराब का सेवन आदि।
यदि आपको भी हर दिन एल्कोहल के सेवन की लत लगी हुई है, तो साइंस के अनुसार, इसके शरीर पर होने वाले इन 5 बड़े नुकसानों (Side Effects of Alchohol) को भी जरूर जान लें....
मानसिक समस्या आपकी प्रजनन क्षमता को भी काफी हद तक नुकसान पहुंचाती है। इससे पुरुष और महिलाओं में इन्फर्टिलिटी की समस्या बढ़ सकती है, जिससे मां-बाप बनने की समस्या हो सकती है। जानिए, इन्फर्टिलिटी की समस्या खत्म करने के टिप्स...
35 साल की उम्र में या इसके बाद प्रेग्नेंट होने में महिलाओं को कई तरह की समस्याएं आने लगती हैं। इस उम्र में कई बार महिलाओं को इनफर्टिलिटी का सामना भी करना पड़ता है। हर महिला कुछ तय एग्स के साथ पैदा होती है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वह एग्स अपने आप घटने लगते हैं। साथ ही जो एग्स बचते हैं उनके साथ प्रेग्नेंट होने में दिक्कत आने लगती है। इस उम्र में यदि 6 महीने के प्रयास बाद भी आप गर्भवती नहीं होती हैं तो आपको डॉक्टर से कन्सल्ट करना चाहिए। इसके साथ ही आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बता रहे हैं जिन्हें फॉलो कर आपको गर्भवती होने में मदद मिल सकती है।
Stomach Pain During Pregnancy: प्रेग्नेंसी में शरीर में कई तरह के बदलाव और गर्भाशय का विस्तार होता है। इसमें शरीर के लिगामेंट्स भी फैलते हैं, ऐसे में पेट दर्द होना स्वाभाविक भी है। हालांकि, पेट दर्द होने के कई अन्य कारण भी होते हैं, जिसे गम्भीरता से लिया जाना चाहिए।
इनफर्टिलिटी हमारी जीवनशैली की आदतों पर निर्भर करती है। सही आहार के साथ प्रजनन क्षमता को बेहतर किया जा सकता है। आपको बस यह पता होना चाहिए कि प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए क्या खाना चाहिए (Foods to boost Fertility) और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
हाल ही में हुए एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि बार-बार जिन महिलाओं को गर्भपात होता है, उन्हें डायबिटीज खासकर टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
कुछ आयुर्वेदिक तरीकों और जड़ी-बूटियों (Herbs to boost fertility) की मदद से हार्मोन्स के स्तर को प्रभावित किया जा सकता है। इनसे, तनाव को भी कम करने में सहायता होती है। जो फर्टिलिटी के अलावा इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और लो-स्पर्म काउंट जैसी सेक्सुअल हेल्थ प्रॉब्लम्स से भी राहत दिलाता है। (Herbs to boost fertility)
कई शोध बताते हैं कि पहले तीन महीने में होने वाले गर्भपात ज्यादातर जीन की समस्या की वजह से होते हैं. कई बार 3 महीने से अधिक वाले गर्भपात में भी जीन को ही मुख्य कारण माना जाता है. गर्भपात के बाद महिलाओं में मानसिक बीमारी या डिप्रेशन का खतरा भी रहता है. आंकड़ों के अनुसार 35 साल की अधिक उम्र की महिलाओं में गर्भपात का खतरा अधिक होता है.
पुरुषों की कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो उनके स्पर्म (शुक्राणु) काउंट को कम कर सकती हैं। जानें, कौन सी हैं वो आदतें, जिनके कारण पुरुषों में लो स्पर्म काउंट की समस्या शुरू हो सकती है।
कार्डी ने लिखा, "15 साल की कार्डी..प्रिय छोटी लड़कियों सीनियर्स के लिए कूल दिखने के चक्कर में सिगरेट या वीड का सेवन नहीं करें, क्योंकि आप वास्तव में बड़ी होंगी और फिर देखेंगी कि आप कैसी बेवकूफी कर रही हैं।" जानें, स्मोकिंग करने के साइड इफेक्ट्स क्या-क्या होते हैं...
प्रेगनेंसी के कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जो कंसीव करते ही दिख जाते हैं। आइए जानते हैं प्रेगनेंसी के एकदम शुरुआती लक्षण (Early Sign of Pregnancy in hindi)
कंसीव करने बाद भी अधिकांश महिलाओं की जीवन शैली पहले जैसी अनहेल्दी रहती है, जिसका असर उनके होने वाले बच्चे पर पड़ता है.
Ovulation के दौरान शरीर का सामान्य तापमान बढ़ जाता है।
लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें जिनकी वजह से आप नहीं हो पा रही हैं गर्भवती।