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Cesarean delivery : समीरा रेड्डी ने बताया सिजेरियन डिलीवरी का दर्द, जानें इसके नुकसान

Cesarean delivery : समीरा रेड्डी ने बताया सिजेरियन डिलीवरी का दर्द, जानें इसके नुकसान
गर्भावस्‍था से लेकर प्रसव के बाद तक के अपने अनुभवों को लगातार शेयर कर रही अभिनेत्री समीरा रेड्डी ने सिजेरियन डिलीवरी के बाद होने वाली तकलीफों के बारे में बताते हुए लिखा है कि इसके टांकों का दर्द पागल कर देता है।

गर्भावस्‍था से लेकर प्रसव के बाद तक के अपने अनुभवों को लगातार शेयर कर रही अभिनेत्री समीरा रेड्डी ने सिजेरियन डिलीवरी के बाद होने वाली तकलीफों के बारे में बताते हुए लिखा है कि इसके टांकों का दर्द पागल कर देता है।

Written by Yogita Yadav |Published : July 19, 2019 6:06 PM IST

गर्भावस्‍था से लेकर प्रसव के बाद तक के अपने अनुभवों को लगातार शेयर कर रही अभिनेत्री समीरा रेड्डी ने सिजेरियन डिलीवरी (Cesarean delivery /C-section )के बाद होने वाली तकलीफों के बारे में बताते हुए लिखा है कि इसके टांकों का दर्द पागल कर देता है।

प्रसव के बाद के समीरा के अनुभव 

अभिनेत्री समीरा रेड्डी ने अपने प्रसव के बाद के सफर को साझा किया है। उनका कहना है कि यह शरीर पर बहुत असर डालता है, क्योंकि सिजेरियन (Cesarean delivery) के दौरान पड़े टांकों का दर्द पागल कर देता है। समीरा ने गुरुवार को अपने दूसरे बच्चे, एक बेटी के प्रसव के बाद अपनी तस्वीर साझा की। तस्वीर के साथ ही समीरा ने एक लेख भी लिखा था, जिसमें उन्होंने प्रसव के बाद के सफर के बारे में लिखा है। अभिनेत्री ने लिखा, "मैंने वादा किया था कि मैं प्रसव के बाद के सफर को साझा करूंगी, जो ये रहा। सिजेरियन (Cesarean delivery) की वजह से शरीर पर सच में काफी असर पड़ता है, क्योंकि इसके टांकों का दर्द पागल कर देता है।"

कोई नहीं बांट सकता यह दर्द

समीरा ने आगे लिखा, "जब आप अपने बच्चे को पूरी रात स्तनपान कराते हैं, उन रातों के लिए आपको कोई भी तैयार नहीं कर सकता। थकान की वजह से आपका शरीर जवाब दे देता है। पेट में आई सूजन के कम होने में वक्त लगता है, और प्रसव के बाद आज मेरा पांचवा दिन है।" अभिनेत्री ने कहा कि वह बेटी को अपनी बाहों में पाकर बेहद रोमांचित हैं।

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और भी है सिजेरियन डिलीवरी (Cesarean delivery) की मुश्किलें

अभिनेत्री समीरा रेड्डी ने अपने प्रसव बाद के अनुभव शेयर करते हुए सिजेरियन डिलीवरी में लगने वाले टांकों का दर्द बयां किया है। पर विशेषज्ञ सिजेरियन डिलीवरी को नॉर्मल डिलीवरी से ज्‍यादा जोखिम भरा मानते हैं। आइए जानते हैं इसमें होने वाली मुश्किलें –

पेट पर लगता है कट  

सी-सेक्शन यानी सीजेरियन डिलीवरी (Cesarean delivery) में पेट पर एक कट लगा कर बच्चे को बाहर निकाला जाता है। जबकि नॉर्मल डिलीवरी में बच्‍चा प्राकृतिक मार्ग अर्थात यौनि द्वारा बाहर आता है। इस वजह से महिला को पूरी तरह से स्‍वस्‍थ होने में सी सेक्‍शन में ज्‍यादा समय लगता है।

बच्‍चे पर भी होती है बेहोशी

सिजेरियन डिलीवरी (Cesarean delivery) में एनेस्थिसिया दिया जाता है। इसका असर बच्चे पर भी होता है। जन्म के बाद बच्चा नींद में होगा। बच्चे पर एनेस्थीसिया का असर डिलीवरी के 6-12 घंटों तक रहता है|

इम्‍यूनिटी होती है वीक

इस तरह से जन्म लेनी वाले बच्चों में ब्रोंकाइटिस और एलर्जी का खतरा सबसे अधिक होता है। इसका प्रमुख कारण उनका प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर होना है।

पेट में सूजन

सिजेरियन डिलीवरी (Cesarean delivery) में बच्चे को जन्म देने के 12 घंटें बाद महिला के पेट में दर्द महसूस होता है। ये दर्द इतना खतरनाक होता है कि कई बार यूरीन पास करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

ज्‍यादा बहता है खून

सी-सेक्शन (Cesarean delivery) में नार्मल डिलीवरी के मुकाबले तीन गुना ज्यादा खून बहता है। जिसकी वजह से महिला का शरीर बहुत ज्यादा कमजोर हो जाता है।

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