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Breast Pump Benefits & Side Effects in Hindi: शिशु के जन्म के 6 महीने तक उसका मुख्य भोजन मां का दूध होता है। 6 महीने के बाद से शिशु को ब्रेस्टफीड कराने के साथ-साथ ठोस आहार भी देना शुरू किया जाता है। हालांकि, कुछ महिलाएं कामकाजी होने के कारण अपने शिशु को अपना दूध पूरे दिन नहीं पिला पाती हैं। इसके लिए ब्रेस्ट मिल्क को ब्रेस्ट पंप के जरिए निकालकर स्टोर किया जाता है, ताकि बच्चे को जब भी भूख लगे, उसे अपनी मां का दूध पीने के लिए मिल सके। जानिए, ब्रेस्ट पंप से दूध निकालने के फायदे-नुकसान, दूध को स्टोर करने का तरीका आदि सबकुछ यहां....
ब्रेस्ट पंप एक ऐसा उपकरण (equipment) है, जिसके जरिए महिलाएं डिलीवरी के बाद अपने स्तनों से दूध को निकालकर अपने बच्चे के लिए भोजन के रूप में स्टोर कर सकती हैं। ब्रेस्ट पंप उपकरण उनके काम अधिक आता है, जो नौकरी करती हैं या किन्हीं कारणों से मां को घर से बाहर जाना पड़ता है। स्तनों में जब दूध भर जाता है, तो वह हार्ड और भारी हो जाता है। कई बार बच्चा दूध नहीं पीता, तो स्तनों के निप्पल से दूध टपकने लगता है, स्तनों में दूध भरे रहने से दर्द भी होने लगता है, ऐसे में ब्रेस्ट पंप से आप दूध को निकालकर रख सकती हैं।
मार्केट में कई तरह के ब्रेस्ट पंप उपलब्ध होते हैं जैसे मैनुअल पंप, बैटरी से चलने वाला ब्रेस्ट पंप, इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप, हाका ब्रेस्ट पंप (Haakaa Breast Pump) आदि।
दूध को तुरंत निकालकर पिलाया जाए, तो वह बच्चे के लिए काफी हेल्दी होता है। ऐसा कहा जाता है कि रूम टेम्परेचर में तीन से चार घंटे ब्रेस्ट मिल्क को स्टोर करके रखने से वह खराब नहीं होता है। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि जितना फायदेमंद मां का दूध पीना है, स्टोर किया हुआ दूध उतना हेल्दी नहीं रहता, क्योंकि उसमें मौजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। हालांकि, ब्रेस्ट पंप किया हुआ दूध शिशु के लिए हर हाल में फायदेमंद ही होता है।