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World Asthma Day 2020: जानें, क्यों अस्थमा का अटैक रात में हो सकता है अधिक खतरनाक

World Asthma Day 2020: जानें, क्यों अस्थमा का अटैक रात में हो सकता है अधिक खतरनाक
World Asthma Day 2020: जानें, क्यों अस्थमा का अटैक रात में हो सकता है अधिक खतरनाक। © Shutterstock.

Tips to avoid asthma attack: विशेषज्ञों के अनुसार, रात में अस्थमा का अटैक कुछ मरीजों में अधिक आता है। इसके कारण अस्थमा रोगी को खांसी आने और सांस की परेशानी इस कदर बढ़ जाती है कि वह रात में ठीक से सो भी नहीं पाता है। आखिर किन कारणों से रात में अस्थमा अटैक आने की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जानें यहां...

Written by Anshumala |Updated : May 6, 2020 9:41 AM IST

Tips to avoid asthma attack: आज है 'विश्व अस्थमा डे 2020' (World Asthma Day 2020)। अस्थमा एक मेडिकल कंडीशन है, जिसमें फेफड़ों के वायुमार्ग संकीर्ण हो जाते हैं और अतिरिक्त बलगम का उत्पादन करते हैं। इससे रोगियों में घरघराहट, खांसी और सांस की तकलीफ शुरू हो जाती है। अस्थमा का कारण जीवनशैली, पर्यावरणीय कारकों और अनुवांशिक गड़बड़ी आदि हो सकते हैं। अक्सर कुछ लोगों को रात में अस्थमा का अटैक आ जाता है। ऐसे में मन में यह सवाल उठता है कि क्या रात में अस्थमा अटैक आना खतरनाक (Tips to avoid asthma attack) होता है?

क्या रात में अस्थमा अटैक आना खतरनाक है?

अस्थमा एक्सपर्ट्स के अनुसार, कुछ लोगों में रात के समय अस्थमा का अटैक (Asthma attack) अधिक होता है। कुछ मरीजों को तो रात में खांसी बहुत आती है। इससे सांस ना ले पाने की समस्या बहुत बढ़ जाती। बार-बार नींद टूटती है। मेट्रो सिटीज जैसे दिल्ली, बैंगलुरू, मुंबई आदि में वायु प्रदूषण अधिक होने से अस्थमा के रोगियों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। रात में अस्थमा का खतरा (asthma attack is dangerous at night) क्यों होता है, इसे जानना बहेद जरूरी है...

घर की हवा

घर की हवा साफ-सुथरी होनी चाहिए। खासकर, जिस कमरे में अस्थमा का रोगी सोता हो। कई बार कमरे की हवा भी रात में अस्थमा अटैक की संभावनाओं को बढ़ा देती है। हर दूसरे दिन कमरे की डस्टिंग करें। कमरे के अंदर धूल के कण ज्यादा होंगे, तो दमा रोगी को रात में अटैक आ सकता है।

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सांस लेने में तकलीफ

दमा के मुख्य लक्षणों में शामिल है सांस लेने में तकलीफ। अस्थमा के मरीज को यदि रात में सोते समय सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है, तो अटैक आने का खतरा रहता है। ऐसा सांस की नली में संकुचन की वजह से होता है। बेहतर होगा कि आप अपनी दवाएं और अस्थमा इनहेलर को बेड पर ही रख कर सोएं।

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एसी का यूज

रात में सोते समय एसी का तापमान बहुत कम ना रखें। अधिक ठंड होने के कारण भी अस्थमा (Tips to avoid asthma attack) रोगी को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। कई बार दमा का अटैक इतना खतरनाक होता है कि रोगी का दम उखड़ने लगता है।

वायु प्रदूषण 

धूल, मिट्टी, हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण, वायु प्रदूषण आदि अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। घर में भी हवा की शुद्धता और वायु प्रदूषण का ख्याल रखें। घर का वातावरण कमरे की हवा खराब कर देती है। बिस्तर में भी धूल के कण बैठ जाते हैं, जो रात में दमा के अटैक का कारण (Tips to avoid asthma attack at night) बनते हैं। बेहतर होगा कि आप अपनी बेड का चाहर, तकिया कवर हर दो-तीन दिन में बदलते रहें।

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कमरे में सीलन, नमी

इस बात की तरफ ध्यान दें कि कहीं आपके कमरे में सीलन या नमी तो नहीं है। सीलन और नमी है दमा रोगी के लिए खतरनाक है। सोते समय सीलन और नमी के कारण अस्थमा का अटैक हो सकता है।

अस्थमा अटैक से बचने के उपाय

अस्थमा की समस्या है तो प्रदूषित वातावरण में जाने से बचें। बाहर मास्क पहनकर ही जाएं। अपने घर, खासकर के कमरे की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। बेडशीट और तकिया का कवर हमेशा बदलते रहें। सोने से पहले अपने पास जरूरी दवाएं और इनहेलर रख लें। अधिक समस्या महसूस हो, तो बिना देर किए हॉस्पिटल जाएं।

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