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Friendship Day 2021 : जब करनी हो टीनएजर बच्चों से दोस्ती, तो इस तरह करें पहल

अगर आपके बच्चे भी टीनएज में हैं या अब बड़े हो रहे हैं तो और आपने भी उनके दोस्त बनने का फैसला कर ही लिया है तो इस फ्रेंडशिपर डे पर ही कर लें ये अच्छा काम। बच्चों से दोस्ती करने में ये बातें आएंगी आपके काम। (friendship between parents and children)

Written by Sadhna Tiwari | Updated : July 30, 2021 8:17 PM IST

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बच्चों से फ्रेंडशिप करें ऐसे

Friendship Between Parents And Children: कहते हैं जब बच्चे बड़े होने लगें तो उनसे दोस्ती कर लेनी चाहिए। क्योंकि, यही तरीका है उन्हें संवारने का और एक परिवक्व और सकारात्मक व्यक्तित्व की बुनियाद रखने का। नये दौर के साथ पैरेंट्स ने भी इस बात की अहमियत समझी और खुद को अपने बच्चों के करीब ले जाने के लिए इस तरह के प्रयास भी किए। तो अगर आपके बच्चे भी टीनएज में हैं या अब बड़े हो रहे हैं तो और आपने भी उनके दोस्त बनने का फैसला कर ही लिया है तो इस फ्रेंडशिपर डे पर ही कर लें ये अच्छा काम। बच्चों से दोस्ती करने में ये बातें आएंगी आपके काम। (Tips for creating a friendship between parents and children in hindi)

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बनें उनका सपोर्ट सिस्टम

जीवन के महत्वपूर्ण फैसलों और मुश्किल स्थितियों में बच्चे सबसे पहले अपने माता-पिता की तरफ ही उम्मीद भरी नज़रों से देखते हैं। इसीलिए, उन्हें यह महसूस ना होने दें कि आप उनकी मदद नहीं करेंगे। बच्चों को विश्वास दिलाएं कि आप हर स्थिति में उनके साथ ही रहेंगे। ज़िंदगी में कुछ फैसले ग़लत या बेवकूफी भरे भी हो सकते हैं। लेकिन, यही वह स्थितियां हैं जहां बच्चा आपके सपोर्ट की उम्मीद भी कर सकता है। कुछ ग़लत हो जाने पर बच्चों को उस ग़लती से सीखने में मदद करें और अगली बार बेहतर तरीके से उस काम को करने के लिए प्रोत्साहित करें।  Also Read - अंडे की जर्दी खानी चाहिए या नहीं? ये रहा जवाब

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समझें उम्र की नज़ाकत

टीनएज में पहुंचते ही बच्चों का व्यवहार अचानक से बदलने लगता है। इस उम्र में बच्चों को नयी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही उनकी अपनी कुछ नयी समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती हैं। अक्सर बच्चे अपनी इन समस्याओं के बारे में बात नहीं करते। ऐसे में बच्चों को खुद से बात करने के लिए फोर्स करने की बजाय धीरे-धीरे उन विश्वास जीतें और फिर उनसे बात करें।

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बच्चों को दें समय

मौजूदा दौर में ज़्यादातर परिवारों में लोग अपनों के साथ बहुत कम से वक़्त बिता पाते हैं। मां-बाप अपनी नौकरी और काम के सिलसिले में जहां बिज़ी रहते हैं वहीं बच्चों को भी स्कूल-कॉलेज, प्रोजेक्ट्स और अन्य एक्टिविटीज में हिस्सा लेने की वजह से बहुत कम समय ही मिलता है कि वे अपने मां-बाप के साथ बैंठें और बातें करें। हालांकि, टीनएज में मां-बाप के साथ बिताया गया समय त बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसीलिए, रोज़ाना बच्चों के साथ थोड़ा वक़्त ज़रूर बिताएं। डिनर और सुबह का नाश्ता साथ करें और बच्चों को कॉलेज या स्कूल तक ड्रॉप करें। इन सबके बीच भी बच्चों और माता-पिता के बीच काफी बातें हो सकती हैं और बच्चों को भी महसूस होगा कि आपको उनकी फिक्र है। Also Read - केरल में फैला चिकनपॉक्स, 6 हजार मामले आए सामने, बच्चों को चिकनपॉक्स से सुरक्षित रखने के लिए जरूर अपनाएं ये सेफ्टी टिप्स

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बच्चों से शेयर करें अपनी बातें

यह सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन, यह तरीका काफी अच्छा है आपके बच्चों को अपनी करीब लाने का। माता-पिता भी अपने बच्चों के साथ अपने विचार और फ्यूचर प्लान्स के बारे में बात कर सकते हैं। इसी तरह उनसे पूछें कि वह आपकी समस्या के लिए क्या हल सुझाएंगे या आपके फ्यूचर प्लान्स को लेकर उनकी क्या राय है।