ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) तंत्रिका संबंधी (neurological) और विकास से संबंधित डिसऑर्डर (developmental disorder) है, जिसके लक्षण बच्चों में जन्म से लेकर तीन वर्ष की आयु में नजर आने लगते हैं। इसे स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर इसलिए भी कहते हैं, क्योंकि ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से ग्रस्त बच्चों में इसके लक्षण अलग-अलग देखने को मिलते हैं। इस समस्या से पीड़ित बच्चों का विकास तुलनात्मक रूप से धीरे होता है। इसमें बच्चे का मानसिक विकास रुक जाता है। बच्चों में इस समस्या को पहचानकर, इसका निदान और इलाज करना आसान नहीं होता। इसके लिए गहन मूल्यांकन करना होता है। हालांकि, इसके कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, जींस (genes) और पर्यावरण इस रोग के होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही बच्चे के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचने से भी यह समस्या हो सकती है। बच्चों में एएसडी की समस्या है या नहीं उसे जानने के लिए इन लक्षणों पर गौर किया जा सकता है।