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ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ 2018 : बचना है ब्रेस्ट कैंसर से, तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपचार

Written by Yogita Yadav | Published : October 22, 2018 4:07 PM IST

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स्तन कैंसर स्तन की कोशिकाओं के अनियंत्रित हो जाने की बीमारी है। हमारे शरीर का प्रत्येक अंग कोशिकाओं से बना होता है। जैसे-जैसे हमारे शरीर को जरूरत होती है ये कोशिकाएं विभिन्न भागों में बंट जाती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि शरीर के अंगों में ये असामान्य तरीके से बढ़ती रहती हैं। लगातार बढ़ने से ये कोशिकाएं एक साथ जमा हो जाती हैं, जो बाद में एक गांठ बनकर ट्यूमर का रूप धारण कर लेती है। स्तएन में होने वाली ऐसी गांठों को ब्रेस्टर कैंसर कहा जाता है। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।

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ऐसे पहचानें लक्षण – स्तन में छोटी दर्दनाक गांठों का बनना। स्तन का आकार अचानक बढ़ने लगता है। शुरुआत में स्तनों के साइड में सूजन आ जाती है। निप्पल लाल तो होते ही हैं, कई बार इनमें खून भी निकलने लगता है। Also Read - सिर्फ मिठाइयों से नहीं बल्कि इन चीजों से भी होती है दांतों में कैविटी, जानिए ओरल हेल्थ से जुड़े 7 बड़े मिथक

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ग्रीन टी - अगर किसी महिला में स्तन कैंसर के लक्षण नजर आते हैं, तो इससे बचने के लिए हर्बल ग्रीन टी का प्रयोग कर सकते हैं, इसके लिए हर्बल टी को एक गिलास पानी में डालकर उबालें और तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए फिर इस पानी का सेवन करें। रोज ग्रीन टी का सेवन करने से स्तनों की बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

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अंगूर और अनार का जूस – स्तन कैंसर से बचने के लिए अंगूर और अनार के जूस का नियमित रूप से सेवन करें। इससे महिलाओं को स्तन के कैंसर की सम्भावना कम होती है। अगर आप चाहते हैं कि यह रोग न हो तो रोजाना लहसुन का सेवन करें। Also Read - इस 1 हरी चटनी से जोड़ों के कोने-कोने से खींचकर बाहर निकालें हाई यूरिक एसिड, दर्द और सूजन से भी मिलेगा आराम