सफेद चावल खाने में कोई बुराई नहीं है। समस्या तो तब होती है जब हम इसे बहुत अधिक खाते हैं, सही चीज़ों के संयोजन में नहीं खाते हैं और जब हम देर रात चावल खाते हैं तो हमारी सेहत के लिए यह नुकसानदायक साबित होता है। सफेद चावलों को कई प्रक्रियाओं से गुज़रना पड़ता है और इसका छिलका और जर्म निकाल दिया जाता है। जिन लोगों को डायबिटीज़ है उन्हें सफेद चावल खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज़्यादा होता है। सफेद चावल में कार्बोहाइड्रेट बहुत जल्दी अवशोषित होते हैं और इस तरह ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। यही कारण है कि सेलेब न्यूट्रिशनिस्ट रूजुता दीवेकर चावल को दाल और घी के साथ खाने की सलाह देती हैं, क्योंकि इस तरह इसका जीआई डायबिटीज़ के लिहाज से सुरक्षित बनता है। इसी तरह कंसल्टेंट न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. नेहा संवाल्का कहती हैं, सफेद चावल खाने का सबसे अच्छा समय लंच है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चावल जैसे जटिल कार्ब्स अन्य अनाजों की तुलना में पचने में अधिक समय लेते हैं। कई लोग सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस खाते हैं। ब्राउन चावल के साथ समस्या यह है कि इसमें बहुत अधिक फाइबर हो सकता है जो जस्ता जैसे खनिजों के अवशोषण में दिक्कत पैदा कर सकता है जो कि इंसुलिन फ़ंक्शन के लिए महत्वपूर्ण है। इसीलिए आप सफेद चावल की जगह कुछ अन्य चीज़ें खा सकते हैं।