• हिंदी

ब्रेस्टफीडिंग से सिर्फ बच्चे को ही नहीं मां को भी होते हैं ये 4 फायदे

ब्रेस्टफीडिंग से सिर्फ बच्चे को ही नहीं मां को भी होते हैं ये 4 फायदे

एक्सपर्ट्स की माने तो जो महिला प्रेगनेंसी के बाद अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं वो उनकी तुलना में ज्यादा स्वस्थ्य रहती हैं जो ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराती हैं।

Written by akhilesh dwivedi |Updated : August 3, 2018 3:35 PM IST

ब्रेस्टफीडिंग को लेकर तमाम तरह की सलाह दी जाती है जो ज्यादातर बच्चों के लिए ही होती हैं। बच्चों के हेल्थ को लेकर ब्रेस्टफीडिंग आवश्यक तो होती ही है लेकिन यह मां के लिये भी फायदेमंद है। एक्सपर्ट्स की माने तो जो महिला प्रेगनेंसी के बाद अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं वो उनकी तुलना में ज्यादा स्वस्थ्य रहती हैं जो ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराती हैं।

आइए जानते हैं स्तनपान से मां को कौन-कौन से स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

प्रेगनेंसी को रोकने में मददगार 

Also Read

More News

प्रेगनेंसी के समय महिलाओं में तामम तरह की परेशानियों को झेलती हैं। शारिरिक से लेकर मानसिक तनाव तक प्रेगनेंसी और डिलेवरी के दौरान महिलाओं को झेलना पड़ता है। एक बच्चे के पैदा होने के बाद दूसरे बच्चे के मध्य कम से कम 3 साल का अंतर अवश्य होना चाहिए, ऐसा एक्सपर्ट्स भी कहते हैं। अब अगर बच्चे को रोजाना ब्रेस्टफीडिंग मां कराती हैं तो प्रेगनेंसी का का स्तर कम हो जाता है।

प्रेगनेंसी के बाद बढ़े हुए वजन को कम करने में मददगार 

सभी महिलाओं का प्रेगनेंसी के समय वजन बढ़ जाता है जो डिलेवरी के बाद कम करना बहुत मुश्किल भी होता है। अगर ब्रेस्टफीडिंग से बच्चे का वजन बढ़ता है तो मां का बढ़ा हुआ वजन भी कम होता है। ब्रेस्टफिडिंग से मां के शरीर का अतिरिक्त फैट दूध उत्पादन में बर्न होता है और मां के शरीर का फैट धीरे-धीरे कम होने लगता है।

शरीर में ब्लड की कमी को दूर करने में मददगार 

प्रेगनेंसी के समय और डिलेवरी के समय महिलाओं के शरीर से बहुत ज्यादा मात्रा में ब्लड खर्च हो जाता है। प्रेगनेंसी के बाद अक्सर मां के शरीर में आयरन की कमी हो जाती है। जब मां बच्चे को ब्रेस्टफिडिंग कराती हैं तो उनके शरीर में हार्मोंस के कुछ बदलाव होते हैं जिसकी वजह से मासिक के समय कम खून का रिसाव होता है तथा इसमें ज्यादा समय का अंतर भी रहता है।

यूट्रस को सही आकार में लाने में मददगार 

स्तनपान कराने से महिलाओं को गर्भाश्य को वापस उसी आकार में लाने में मदद मिलती है। स्तनपान कराने से महिला के शरीर में विशेष प्रकार के हार्मोन्स रिलीज होते हैं जो आपके गर्भाश्य में संकुचन से राहत दिलाते हैं और गर्भाश्य के आकार में सुधार करते हैं।

चित्रस्रोत: Shutterstock.