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World Autism Awareness Day 2020: ऑटिज्म क्या है? जानें इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

World Autism Awareness Day 2020: ऑटिज्म क्या है? जानें इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

World Autism Awareness Day 2020: पूरी दुनिया में आज वर्ल्ड ऑटिज्म डे मनाया जा रहा है। इस दिवस (World Autism Awareness Day 2020) को मनाने का उद्देश्य माता-पिता को बच्चे में होने वाली बीमारी के प्रति जागरुक कराना। ऑटिज्म के लक्षण बचपन से ही दिखाई देने लगते हैं। बचपन में ही माता-पिता को अपने बच्चे के इन लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। अगर समय चलते इस बीमारी का पता नहीं लगाया गया, तो आगे चलकर बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको इसी से जुड़ी जानकार देना चाहते। चलिए जानते हैं ऑटिज्म की पूरी जानकारी-

Written by Kishori Mishra |Published : April 2, 2020 4:20 PM IST

World Autism Awareness Day 2020: पूरी दुनिया में आज वर्ल्ड ऑटिज्म डे मनाया जा रहा है। इस दिवस (World Autism Awareness Day 2020) को मनाने का उद्देश्य माता-पिता को बच्चे में होने वाली बीमारी के प्रति जागरुक कराना। ऑटिज्म के लक्षण बचपन से ही दिखाई देने लगते हैं। बचपन में ही माता-पिता को अपने बच्चे के इन लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। अगर समय चलते इस बीमारी का पता नहीं लगाया गया, तो आगे चलकर बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको इसी से जुड़ी जानकार देना चाहते। चलिए जानते हैं ऑटिज्म की पूरी जानकारी-

ऑटिज्‍म क्‍या है ?

ऑटिज्‍म (World Autism Awareness Day) की समस्या से ग्रसित बच्चों को मंदबुद्धि कहते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है ये एक दिमागी विकार है। ऑटिज्‍म स्‍पेक्‍ट्रम एक प्रकार का न्‍यूरोलॉजिकल डिस्‍ऑर्डर है। इसमें बच्चे के दिमाग का अलग-अलग हिस्सा एक साथ काम नहीं करता है। इस समस्या से ग्रसित बच्चों को छोटी-छोटी बाते समझने में दिक्कतें आती हैं।

ऑटिज्‍म क्‍या हैं कारण?

इस समस्या होने का कोई प्रमुख कारण नहीं होता है। कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि अगर शिशु की मां को थाइरॉइड है, तो शिशु ऑटिस्टिक हो सकता है। इसके साथ ही बदलते लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से भी बच्चे ऑटिज्म के शिकार हो रहे हैं।

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किन बच्चों को होता है अधिक खतरा?

  •  लड़कों को ऑटिज्म होने का खतरा अधिक होता है।
  • 26 सप्ताह से पहले पैदा होने बच्चे भी ऑटिज्म के शिकार हो सकते हैं।
  • अगर परिवार में कोई एक बच्चा ऑटिज्म का शिकार है, जो दूसरा भी ऑटिस्टिक हो सकता है।
  • गर्भवती महिला को अगर थॉयराइड है, तो बच्चा ऑटिज्म पैदा हो सकता है।

ऑटिज्‍म के लक्षण

  • ऑटिज्म के शुरुआती लक्षण 1 से 3 साल के बच्चों के अंदर नजर आते हैं।
  • लोगों का चेहरा देखकर बच्चे द्वारा कोई प्रतिक्रया ना देना।
  • आवाज सुनने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया ना देना।
  • बोलने में दिक्कत
  • अपनी फीलिंग्स को अच्छी तरह से जाहिर ना कर पाना
  • हिलने की समस्या
  • आपा खोना
  • एक ही बात को लगातार बोलते रहना।
  • इसके अलावा अगर आपका बच्चा जन्म से लगातार 9 महीने तक मुस्कुराता नहीं है, या फिर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है, तो इसके लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी है।

ऑटिज्म का इलाज?

ऑटिज्म को कभी भी जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है। इसे बस प्यार से और सिखा-सिखाकर कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा स्पीच थैरेपी और मोटर स्किल जैसी टेक्नीक से बच्चों पर काफी हद तक कंट्रोल पाय जा सकता है।

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इसके साथ ही ऐसे बच्चों के गुस्से को बढ़ावा ना देकर उन्हें प्यार से समझाना बहुत ही जरूरी होता है। अगर आपके आस-पास इस तरह का कोई बच्चा है, तो उन्हें प्यार और दुलार से समझाएं। उनके साथ अलग व्यवहार ना करें, बल्कि ऐसे बच्चों को समझने की कोशिश करें।

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