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अगर अचानक पता चले बच्‍चा LGBTQ है तो क्‍या करें? इस तरह अच्‍छे पेरेंट्स बनकर कायम करें मिसाल

अगर अचानक पता चले बच्‍चा LGBTQ है तो क्‍या करें? इस तरह अच्‍छे पेरेंट्स बनकर कायम करें मिसाल
कोई ऐसी जगह ढूंढें जहां LGBTQ बच्‍चे और पेरेंट्स आते हों। जब आप अपने बच्‍चे को यहां लेकर जाएंगे तो बच्‍चे के साथ साथ आपका कॉन्‍फीडेंस भी बढ़ेगा।

आज भी हमारे समाज में LGBTQ कैटेगरी को स्‍वीकारने में लोग हिचक महसूस करते हैं। लेकिन अगर आपका बच्‍चा LGBTQ है तो आपको इन 5 तरीकों से एक अच्‍छे पेरेंट्स बनकर मिसाल काम करनी चाहिए।

Written by Rashmi Upadhyay |Updated : June 22, 2021 11:31 AM IST

पेरेंट्स हर हाल में अपने बच्‍चों को प्‍यार करते हैं। अगर बच्‍चा रास्‍ते से भटक जाए या मां-बाप उल्‍टा सीधा जवाब भी दे, तब भी पेरेंट्स बच्‍चे के साथ प्‍यार से ही पेश आते हैं और सब कुछ भुलाकर प्‍यार लुटाते हैं। क्‍योंकि बच्‍चे पेरेंट्स का अपना खून, अपना अंश होता है इसलिए वो उन्‍हें हर हाल में पसंद होते हैं। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि मां-बाप का प्‍यार तब कहां चला जाता है जब उन्‍हें ये पता चलता है उनका बच्‍चा LGBTQ है? कानून बदल चुका है लेकिन लोगों की सोच में नहीं बदली है। आज भी भारत में ज्‍यादातर जगहों पर LGBTQ जाति के साथ भेदभाव कर उन्हें यह एहसास दिलाया जाता है कि उन्‍हें कोई बीमारी है। जबकि लोगों को ये समझना चाहिए अगर कोई इंसान महिला या पुरुष के अलावा कुछ और है तो उसका साइंटिफिक रीजन होता है। इसके पीछे DNA कोड और अन्‍य साइंटिफिक चीजें जिम्‍मेदार होती हैं। अगर आपका बच्‍चा भी LGBTQ है तो क्‍या करें? या आप अचानक से अपने बच्‍चे में LGBTQ के लक्षण दिख रहे हैं तो कैसे बर्ताव करना चाहिए? आइए जानते हैं LGBTQ बच्‍चों के अच्‍छे पेरेंट्स बनने का तरीका-

  • अगर आपका LGBTQ में से किसी भी कैटेगरी में फॉल करता है तो उसे आपकी नफरत या इगनोरेंस की नहीं बल्कि सपोर्ट, अटेंशन, केयर और रेस्‍पेक्‍ट की जरूरत है। क्‍योंकि हमारा समाज आज भी LGBTQ को नहीं स्‍वीकारता है इसलिए आपको अपने बच्‍चे को ये एहसास दिलाना होगा कि सब नॉर्मल है। जैसे और बच्‍चे सामान्‍य हैं ऐसे वो भी सामान्‍य हैं। बच्‍चों को यह भरोसा दिलाएं कि वो जो भी महसूस कर रहे हैं उसे आपके साथ शेयर करें, और ये आप जोर जबरदस्‍ती से नहीं बल्कि सिर्फ प्‍यार से कर सकते हैं।
  • अगर बच्‍चा LGBTQ है तो उसे जज करने से पहले अपनी नॉलेज बढ़ानी चाहिए। आपको यह समझना चाहिए इसमें उसमें कोई गलती नहीं है बल्कि भगवान ने ही उसे ऐसा बनाया है। इस तरह दुनिया में लाखों लोग हैं जो नॉर्मल लोगों से थोड़ा अलग हैं लेकिन अपनी जगह वो एकदम सही हैं।
  • सबसे पहले ये पता करें कि आपका बच्‍चा LGBTQ में किसी कैटेगरी में आता है और फिर उससे संबंधित कम्‍युनिटी के बारे में पता करें। इंटरनेट तक इस तरह की तमाम जानकारियां हैं।
  • जब बच्‍चे आपको अपनी सेक्‍सुअल आइडेंटिटि या सेक्‍सुअल इंटरेस्‍ट बताएं तो उन्‍हें डांटने या यह कहकर धमकाने के बजाय कि इस बारे में किसी ने कुछ नहीं कहना नहीं तो लोग क्‍या कहेंगे, आप बच्‍चे का हौंसला बढ़ाएं और उन्‍हें बाहर निकलने के लिए प्र‍ेरित करें। अक्‍सर LGBTQ लोग समाज के डर के कारण बाहर नहीं निकलते हैं। पेरेंट्स होने के नाते आप अपने बच्‍चे को एप्रिशिएट करें और उसे कॉन्‍फीडेंट फील कराएं।

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  • कोई ऐसी जगह ढूंढें जहां LGBTQ बच्‍चे और पेरेंट्स आते हों। जब आप अपने बच्‍चे को यहां लेकर जाएंगे तो बच्‍चे के साथ साथ आपका कॉन्‍फीडेंस भी बढ़ेगा।
  • LGBTQ बच्‍चों को अक्‍सर बुलिंग या भद्दे कमेंट का सामना करना पड़ता है। यह बार यह संभव नहीं होता है कि ऐसे लोगों को जवाब दिया जाए लेकिन कई बार ये कमेंट बच्‍चों के दिमाग में बैठ जाते हैं और उन्‍हें ट्रामा का शिकार बना सकते हैं। ऐसी स्थिति में बच्‍चों को काउंसलर या मनोवैज्ञानिक के पास ले जाएं। जब बच्‍चों की काउंसलिंग होती है तो उन्‍हें इस स्थिति से डील करना सिखाया जाता है।