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Tips to overcome stage fear in kids: बच्चों को स्कूल में मंच पर जाकर डांस करना हो, या ऑफिस में आपको कोई स्पीच देनी हो अक्सर लोग डर जाते हैं और लोगों के सामने बोलने से बचते हैं। इस डर को स्टेज फियर कहा जाता है और यह केवल आपकी समस्या नहीं बल्कि, दुनियाभर में बहुत-से लोग इसी समस्या से पीड़ित हैं। अपने डर और झिझक की वजह से लोगों को अक्सर मंच पर जाकर अपनी बात कहने या किसी परफॉर्मेंस में हिस्सा लेने में मुश्किलें आती है। हालांकि, कुछ मामलों में ऐसा देखा गया है कि जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं उनके मन से यह डर धीरे-धीरे कम हो जाता है। लेकिन, कुछ लोगों को पूरी जिंदगी यह डर महसूस होता है और वे इस समस्या से छुटकारा नहीं पा सकते हैं। (stage fear in kids and adults)
बचपन में किसी भी प्रकार की इमोशनल कमजोरी या डर बच्चे के विकास में अड़चन बन सकता है। इससे बच्चे की पर्सनालिटी भी दब सकती है और वो पब्लिक स्पीकिंग और वाद-विवाद जैसी एक्टिविटीज का हिस्सा नहीं बन पाता। यह उसकी कम्युनिकेशन स्किल्स को भी ठीक तरीके से डेवलप नहीं होने देता। ऐसे में बच्चों के मन से मंच पर जाने से लगने वाले इस डर या स्टेज फियर को निकालने के लिए पेरेंट्स को ही कोशिश करनी चाहिए। बच्चे को खुलकर ऐसी एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करने के लिए मोटिवेट करने और उसके मन से डर निकालने के लिए इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
कई लोगों के मन में इतना डर केवल इसलिए भी बढ़ता जाता है कि वे इस डर का सामना करने की कभी कोशिश नहीं करते। डर को फेस करने से वह जल्द खत्म हो सकता है लेकिन, इससे हमेशा बचते रहते हैं और उसे खत्म करने के बारे में नहीं सोचते। ऐसे में सबसे पहले अपने डर को जीतने की कोशिश करें। इस बारे में ना सोचें कि आपके बोलने या आपकी परफॉर्मेंस पर लोग क्या कहेंगे या आपका मजाक उड़ाया जाएगा। फैमिली फंक्शन हो या ऑफिस की मीटिंग्स, शालीनता के साथ शांत लहजे में अपनी बात कहना सीखें। धीरे-धीरे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और स्टेज फियर कम होगा।
कहावत है कि किसी बात की आधी जानकारी बहुत खतरनाक साबित हो सकती है। यह बात आत्मविश्वास के बारे में भी कही जा सकती है। जब आपको किसी विषय पर बोलना हो तो उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी इकट्ठा करें। किताबें पढ़ें, आसपास के लोगों से बात करें, एक्सपर्ट्स की स्पीच और वीडियोज देखें और अपना ज्ञान बढ़ाएं। जब आपकी तैयारी पूरी हो और आपको अपने विषय की पूरी जानकारी होगी तो आपको डर कम लगेगा और आपका आत्मविश्वास भी कम नहीं होगा। ऐसे में आप पूरे कॉन्फिडेंस के साथ बात कर सकेंगे।
आत्मविश्वास बढ़ाने और कॉन्फिडेंट बनने में पढ़ने-लिखने की आदतें मदद करती हैं। अगर आप या आपके बच्चे के मन में स्टेज फियर है तो सबसे पहले पढ़ना-लिखना शुरू करें। किताबें पढ़ें, अखबार पढ़ें, कार्टून्स बुक्स और मैगजीन्स का सब्सक्रिप्शन लें और उन्हें पढ़ें। दिन में 20 मिनट भी पढ़ने का समय निकालेंगे तो धीरे-धीरे आपकी दिनचर्या में पढ़ने की आदत शामिल हो जाएगी। पढ़ने की आदत आपको अलग-अलग विषयों के साथ-साथ भाषा और शब्दों का ज्ञान बढ़ेगा। इससे आपको बोलने का कॉन्फिडेंस मिलेगा और आप बेहतर तरीके से बोल सकेंगे।
एक्सपर्ट बताती हैं कि यदि आपको स्टेज पर किसी विषय के बारे में बोलना है तो उसके बारे में अच्छे से तैयारी कर लेना चाहिए। क्योंकि आप जितना ज्यादा पढेंगे आपको उस विषय के बारे में उतनी अधिक जानकारी होगी, जिससे मौका मिलने पर आप स्टेज पर उन तमाम जानकारियों को दूसरों को बता सकेंगे। इसके अलावा सामान्य जीवन में भी आपको यदि किसी विषय के बारे में काफी हद तक जानकारी है तो उस स्थिति में आप अच्छे वक्ता हो सकते हैं। अक्सर लोग आपकी बातों को तभी सुनेंगे जब आपके पास बोलने के लिए मजेदार, ज्ञावर्धक फैक्ट्स होंगे। इससे लोग आपकी बातों से न केवल प्रभावित होंगे बल्कि नई जानकारी को सुनना चाहेंगे। आज के दौर में लोग बेफिजूल की बातों की बजाय फैक्ट्स को सुनना पसंद करते हैं। ऐसे में किसी भी विषय के बारे में बोलने के पहले तैयारी कर लें।
स्टेज फियर की वजह से कई बार बच्चे पैनिक हो जाते हैं और वे अच्छी प्रैक्टिस करने के बाद भी डांस या गाना गाने जैसी पर्फॉर्मेंसेस नहीं कर पाते। वहीं, बड़ों को भी स्ट्रेस, पैनिक अटैक्स और एंग्जायटी जैसी परेशानियां अक्सर होती हैं तो आपका स्टेज फियर और भी अधिक बढ़ सकता है। इसीलिए, अपने स्ट्रेस को कंट्रोल करने की कोशिश करें। कसरत करें, वॉक पर जाएं, हेल्दी डाइट लें और भरपूर नींद सोएं। इन सब तरीकों से आपको तनाव को कम करने में सहायता होती है और आप मेंटली शांत रहते हुए अपने काम पर फोकस कर सकते हैं। (benefits of controlling stress and anxiety in kids)