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बच्चों का व्यक्तित्व, व्यवहार और पूरा विकास उनकी परवरिश को दर्शाता है। पैरेंट्स जिस तरह से लिमिट्स को तय करते हुए उनको आगे का मार्गदर्शन देते हैं, उससे उनके बच्चों का फ्यूचर निखरता है। एक परवरिश और अच्छा वातावरण जो पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए तैयार करते हैं, उससे उनके बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। एक्सपर्ट्स बच्चों की भलाई और अच्छे विकास के लिए अच्छी परविश को जिम्मेदार ठहराते हैं। जिस तरह का घर का माहौल आप तैयार करेंगे, वो माहौल आपके बच्चे के विकास को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा। पेरेंट्स की अच्छी परवरिश से बच्चों का कौशल विकास होता है। अगर आप भी अपने बच्चे का भविष्य संवारना चाहते हैं, तो आपके लिए सबसे पहले ये जान लेना जरूरी है कि, आपको उन्हें कैसी परवरिश देनी है।
जब पैरेंट्स आत्मविश्वासी रहेंगे तो वो अपने बच्चों को भी अपने जैसा बना पाएंगे। आप उन्हें इस काबिल बनाएं कि, वो अपना फैसला लेने से पहले डरे नहीं। उन्हें खुद की लाइफ का बॉस बनाना सिखाएं। बच्चों के लिए ऐसी सीख उन्हें फ्यूचर में सफलता दिला सकती है।
पेरेंट्स अपने बच्चों को क्षमा प्रार्थी होने के गुण जरूर सिखाएं। अगर वो गुस्सा व्यक्त करते हैं, तो उन्हें क्षमा प्रार्थी होना भी सिखाएं। उनकी ऐसी आदत आस पास के लोगों पर एक अच्छी और सकारात्मक छाप छोड़ सकती है।
पेरेंट्स को चाहिए कि, वो अपने बच्चे की उपलब्धियों पर ध्यान देने की बजाय उनकी भावनाओं के प्रति सहानुभूति दिखाएं। आप ऐसा ही अपने बच्चे को सिखाएं। बच्चों में इमोशनली अवेयरनेस उनके भविष्य को और भी सुंदर बना सकता है।
जो पेरेंट्स परेशान होने के बाद भी अपने इमोशंस को व्यक्त करते हैं, और बच्चों की परवरिश भी इसी तरह से करते हैं, तो उनके बच्चे फ्यूचर में कभी भी दूसरों निगेटिव व्यवहार नहीं करते।
अगर आप अपने बच्चे के प्रति सपोर्टिव व्यवहार रखेंगे तो, बच्चा भी फ्यूचर में दूसरों के प्रति सपोर्टिव व्यवहार रखेगा। इससे लोग उसकी अच्छाइयों को देखते हुए खुद ब खुद उसकी ओर आकर्षित होंगे।
जो पेरेंट्स दूसरों को उनकी की हुई गलतियों को लेकर माफ कर देते हैं। वो अपने बच्चों को भी ऐसा ही करना सिखाएं। बच्चों की यही छोटी छोटी आदतें उनका फ्यूचर सुनहरा करने के लिए काफी हैं।
हर पैरेंट्स को अपने बच्चों को यही सीख देनी चाहिए , कि वो किसी की जरूरत पड़ने पर खुद को आगे रख सके। इससे उनका भविष्य और व्यक्तित्व दोनों की सकारात्मक तौर पर उभर कर सामने आएगा।
एक अच्छे पोषण और सहायक वातावरण में पले बढ़े बच्चे, जहां हेल्दी व्यवहार के साथ बड़े होते हैं. वहीं उनका व्यवहार लचीला, आत्मविश्वासी और इमोशनली रूप से अच्छा फ्यूचर बनाने में उनकी मदद कर सकते हैं।
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