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शिशु की मील चुनते वक्त पेरेंट्स जरूर रखें इन 5 बातों का ध्यान, दोगुनी तेजी से होगा शिशु का विकास

शिशु की मील चुनते वक्त पेरेंट्स जरूर रखें इन 5 बातों का ध्यान, दोगुनी तेजी से होगा शिशु का विकास
शिशु की मील चुनते वक्त पेरेंट्स जरूर करें इन 5 चीजों पर गौर, नहीं होगी बेबी को पेट संबंधी कोई समस्या

नवजात शिशु के लिए मां का दूध पर्याप्त होता है। हमारे देश में जब तक शिशु 6 महीने का होता है तब तक उसे मां का दूध पीने की ही सलाह दी जाती है। लेकिन जैसे-जैसे आपका शिशु बड़ा होता है उसके शरीर के विकास के लिए उसे कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है। लकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि शिशु के 6 महीने के बाद आप उसे वो सब देना शुरू कर दें जो आप खाते हैं। बल्कि शिशु की डाइट आपको बहुत सोच समझकर चुननी चाहिए। आज हम आपको 5 ऐसी चीजें बता रहे हैं जिन्हें शिशु की डाइट चुनते वक्त ध्यान रखना चाहिए।

Written by Rashmi Upadhyay |Updated : October 20, 2020 9:11 AM IST

नवजात शिशु के लिए मां का दूध पर्याप्त होता है। हमारे देश में जब तक शिशु 6 महीने का होता है तब तक उसे मां का दूध पीने की ही सलाह दी जाती है। लेकिन जैसे-जैसे आपका शिशु बड़ा होता है उसके शरीर के विकास के लिए उसे कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है। लकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि शिशु के 6 महीने के बाद आप उसे वो सब देना शुरू कर दें जो आप खाते हैं। बल्कि शिशु की डाइट आपको बहुत सोच समझकर चुननी चाहिए। आज हम आपको 5 ऐसी चीजें बता रहे हैं जिन्हें शिशु की डाइट चुनते वक्त ध्यान रखना चाहिए।

नमक और चीनी का रखें ध्यान

छह महीने के बाद, जब आपका बच्चा खाना और पीना शुरू कर देता है, तो आपको उनके भोजन में चीनी और नमक दोनों का अनुपात रखना चाहिए। अक्सर, कच्चे आहार वाले बच्चों को अधिक सोडियम और चीनी वाले उत्पादों से बचाने के लिए डॉक्टरों से सिफारिश की जाती है।

बच्चों को सीधा शुगर देने की बजाय आपको कोशिश करनी चाहिए कि बच्चे के खाने में सीधा शुगर देने के बजाय शुगरकेन, कॉर्न सिरप, और मैपल आदि देना चाहिए। बच्चे बचपन में ही बच्चों को शुगर देने से वह मोटापा, दंत समस्याओं और पेट फूलने की समस्या के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा, बच्चा स्तनपान करके अपनी दैनिक सोडियम आवश्यकताओं को पूरा कर लेता है इसलिए उसे सब्जियां या दूसरी तरह से नमक देने की आवश्यकता है।

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जरूरी पोषक तत्व

इम्युनिटी को मजबूत करने और मस्तिष्क के फंक्शन के विकास के लिए बच्चों को कुछ पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसलिए बच्चे को शुरुआत से ही ऐसी चीजें खानी चाहिए ताकि जिनमें जरूरी पोषक तत्व जैसे ओमेगा-3, आयरन, कैल्शियम, विटामिन-डी और विटामिन-बी 12 आदि हों। ये तत्व बच्चे के मस्तिष्क और शुरुआती विकास में मदद कर सकते हैं। कैल्शियम बच्चों की हड्डियों को मजबूत करता है तो वहीं अन्य विटामिन बच्चे को तेज आंख और मस्तिष्क देते हैं।

आर्टिफिशल कलर और फूड से दूर रखें

बच्चों को आर्टिफिशल कलर और फूड से दूर रखना चाहिए। आर्टिफिशियल कलर्स और फूड्स में कई खतरनाक रसायन होते हैं, जो उन्हें कई बीमारियों का शिकार बना सकते हैं। इससे बच्चों में एडीएचडी जैसे व्यवहार संबंधी विकार के पैदा होने का भी डर रहता है। इसके अलावा, बच्चे को एंजाइम से संबंधित कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए बच्चों को चॉकलेट, कैंडी और अन्य पेय पदार्थों से दूर रखें।

इस तरह चुनें फल

बच्चों को सब्जियां देने के बजाय फल देने चाहिए। इसलिए अपने बच्चे के लिए बेबी फ्रूट्स चुनें क्योंकि यह शरीर में विटामिन और मिनरल की मात्रा बढ़ाते हैं। इसके अलावा, बच्चों को फ्रुक्टोज का सेवन भी न करने दें। आप फलों और सब्जियों का उपयोग करके और बच्चों को खिलाकर नई तरह की चीजें बना सकते हैं।

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ट्रेडिशनल फूड चुनें

अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आपको उन्हें विदेशी चीजों के बजाय ट्रेडिशनल फूड देने चाहिए। जैसे कि घर का बना मोटे अनाज का हलवा, दाल से बनी रोटियां और घर में बना सब्जियों का सूप आदि। बच्चों को आप मौसमी फल और सब्जियां भी दे सकते हैं।