अक्सर बच्चों को अंगूठा चूसने की लत लग जाती है। यह लत कई कारणों से लगती है जिसके लिए ज्यादातर माता-पिता की लापरवाही ही होती है। यदि यह आदत बच्चे के बड़े होने के साथ छूट नहीं पाती है तो इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी हो जाती है।
बच्चों में अंगूठा चूसने की लत उनके भूखे रहने के कारण लग सकती है। कभी-कभी यह बच्चे को मां के दूध से मन न भरने के कारण भी लग सकती है। इस बुरी आदत को जल्द से जल्द छुटकारा बच्चे को कैसे मिले इसके बारे में माता-पिता को सोचना चाहिए।
बच्चे में अगर यह लत कई सालों तक रह जाती है तो फिर बच्चा कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकता है। इसकी बच्चे के मानसिक विकास से लेकर हेल्थ की कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ माता-पिता इसको बहुत ही सामान्य लेते हैं लेकिन इसके साइड-इफेक्ट्स होते हैं जो हेल्थ के लिए नुकसानदेह होते है।
आइए जानते हैं अगूठा चूसने से बच्चे में कौन-कौन से साइड-इफेक्ट्स होने का खतरा बना रहता है।
बच्चे दिन भर खेलते हैं और हांथ में तमाम तरह की चीजों को पकड़ते हैं। उनके हांथ में कई तरह के रोगाणु-कीटाणु के साथ-साथ नुकसान दायक बैक्टीरिया भी उनके मूंह में चले जाते हैं जो उनको तरह-तरह की बीमारियों का शिकार बनाते हैं।
अंगूठा चूसने वाले बच्चों में खाने-पीने के प्रति नीरसता आने लगती है। वो लगातार अगूठा ही चूसते रहना चाहते हैं। जो बच्चे अगूठा चूसते हैं उनका शारिरिक विकास सही से नहीं हो पाता है।
अंगूठा चूसने वाले बच्चों का मानसिक विकास भी सही तरीके से नहीं हो पाता है। इसका मूल कारण होता है कि बच्चा हमेशा अंगूठा चूसने के काम पर ध्यान लागाये रहता है और वह बड़े होने के साथ अन्य चीजों को एक्सप्लोर नहींं कर पाता और दिमागी तौर पर कमजोर हो जाता है।
अंगूठा चूसने वाले बच्चे को अक्सर इंफेक्शन होता रहता है। अंगूठा चूसने वाले बच्चों में अक्सर पेट की बीमारियां होती रहती हैं।
अंगूठा चूसने वाले बच्चे के अंगूठे पतले हो जाते हैं और उसके होठ भी मोटे होकर लटक जाते हैं।
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