Juvenile Diabetes:अंतर्राष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन (International Diabetes Federation) की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 तक भारत में 77 मिलियन यानि लगभग 7 करोड़ और 70 लाख से अधिक लोग डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित हैं जबकि 20-79 वर्ष के आयुवर्ग में लगभग 43 मिलियन लोगों में डायबिटीज होने के बावजूद उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। (Diabetes in Indian population)
डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है और यह हर एक आयु वर्ग के लोगों में हो सकता है। दुनियाभर में डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित लोगों में बुजुर्ग, महिलाएं और कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं। वहीं हाल के वर्षो में युवाओं में डायबिटीज के मामले बहुत अधिक दिखायी दे रहे हैं। हाल ही में एसोचैम (Associated Chambers of Commerce and Industry of India) द्वारा सार्वजनिक की गयी एक रिपोर्ट में सामने आया कि भारत में 18 साल की उम्र के बाद लोगों में गैर संचारी बीमारियों (non communicable diseases) का खतरा बढ़ जाता है और इन बीमारियों से पीड़ित दो तिहाई लोगों की उम्र 26 से 59 साल के बीच है।
इस रिपोर्ट के अनुसार,भारत की शहरी आबादी में डायबिटीज के मरीजों की संख्या अधिक है। आंकड़ों के अनुसार,
कम आयु वाले लोगों में डायबिटीज के अधिकांश मामलों में इस डिसॉर्डर की वजह अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। डायबिटीज के मुख्य कारण ये हो सकते हैं:
अनहेल्दी इटिंग हाई ब्लड शुगर की समस्या का एक बड़ा कारण हैं। इसीलिए, डायबिटीज से बचाव के लिए बच्चों को खान-पान से जुड़ी अच्छी आदतों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें। रिफाइंड फूड का सेवन कम करने के साथ-साथ बच्चों को हाई-कार्ब ( High-Carbs foods) और हाई-शुगर (High Sugar foods) कंटेट वाली चीज़ें खाने से रोकें। जैसा कि चीनी के अनियंत्रित सेवन से रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है और बच्चों में डायबिटीज का रिस्क बढ़ सकता है ऐसे में उन्हें टीफ, कैंडी, कुकीज और मीठे शर्बत के सेवन से परहेज करने के लिए प्रोत्साहित करें। इसके साथ ही,
बच्चों के लिए फिजिकली एक्टिव रहना मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाव के लिहाज से महत्वपूर्ण है। बच्चों को नियमित कसरत करने और खेल-कूद में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें। योग, साइकिल चलाना और तैराकी जैसी एक्टिविटीज ना केवल मज़ेदार होती हैं बल्कि बच्चों को इनकी मदद से एक्टिव रखना भी आसान हो सकता है।
(डिस्क्लेमर:इस लेख में दी गई बीमारी से जुड़ी सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गयी है। किसी बीमारी की चिकित्सा से जुड़े किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए कृपया अपने चिकित्सक का परामर्श लें।)
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