किशोरहोते बच्चों के साथ पोर्नोग्राफी को लेकर खुलकर बातचीत उन्हें पोर्न की लत से बचा सकती है। एक अध्ययन में यह भी पता चला है कि किशोर होते बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करने से वयस्क जीवन के प्रति उन्हें सशक्त बनाने में मदद करता है। ऐसा किए जाने से उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें हमउम्र बच्चों के सामने आत्मविश्ववास खोने से बचाता है।
अध्ययेताओं के अनुसार, 'पोर्नोग्राफी के नकारात्मक प्रभावों के बारे में बच्चों से बात करने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, जो वयस्क होने पर किसी के साथ रिश्ते में होना उनके आत्मबल को नुकसान पहुंचाने से बचाता है।' लुबॉक स्थित टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी ने अपने अध्ययन में पाया कि जो अभिभावक नियमित रूप से अपने बच्चों के साथ पोर्नोग्राफी के नकारात्मक प्रभावों के बारे में चर्चा करते हैं, उनके बच्चे बड़े होने पर पोर्नोग्राफी में दिलचस्पी नहीं रखते।
सहायक प्रोफेसर एरिक रैसम्युसेन के अनुसार ये खुलासे दिलचस्प हैं, क्योंकि कई अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि वैवाहिक या प्रेम संबंधों में यदि साथी को पोर्नोग्राफी की लत हो, तो यह दूसरे के लिए खासकर महिलाओं के लिए नुकसानदेह और सदमे जैसा होता है।
उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों से पोर्नोग्राफी के बारे में खुलकर बातचीत करनी चाहिए। यह शोध जर्नल चिल्ड्रेन एंड मीडिया में प्रकाशित हुई है।
स्रोत: IANS Hindi
चित्र स्रोत: Getty images
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