छोटे बच्चों की परवरिश पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। वे अपने बारे में कुछ भी बता सकने में अक्षम होते हैं। इसलिए उनकी गतिविधियों से ही जाना जाता है कि वे स्वस्थ हैं या नहीं। फीडिंग का समय वह समय होता है जब मां आसानी से अपने बच्चे के लक्षणों को देखकर उनका परीक्षण कर सकती है। यह भी पढ़ें - बच्चों को बीमार कर रही है ‘पबजी’ की लत क्या है समस्या अगर फीडिंग यानी दूध पीते वक्त आपके बच्चे की सांस फूलने लगती है तो यह चिंता की बात है। इसके लिए आपको तुरंत