सुबह बच्चों को नाश्ते में जरूर खिलाएं ये 4 फूड, बड़े होकर बनेंगे बुद्धिमान और ताकतवर
Diet For Children: बच्चों के संपूर्ण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए उनके आहार पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
Diet For Children: बच्चों के संपूर्ण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए उनके आहार पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
Egg For Kids: अगर आप भी अपने छोटे बच्चों को अंडे खिलाना चाहते हैं तो उन्हें कब और कैसे खिलाना चाहिए यह जानना जरूरी होता है।
मैग्नीशियम एक जरूरी मिनरल व पोषक तत्व है जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है, खासकर बच्चों के लिए मैग्नीशियम बहुत जरूरी होता है। यहां बच्चों में मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के कुछ उपाय बताए गए हैं।
National Nutrition Week: राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के मौके पर यहां हम आपको महिलाओं के पोषण से जुड़ी जानकारी साझा कर रहे हैं.
World Breastfeeding Week: बॉलीवुड एक्ट्रेस दिया मिर्जा (Actress Dia Mirza ) जो हाल ही में मां बनी हैं उन्होंने ब्रेस्टफीडिंग पर कुछ ऐसा कहा जिससे चारों ओर उनकी चर्चा हो रही है।
आयरन एक ऐसा माइक्रोन्यूट्रिएंट है जिसकी जरूरत बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर व्यक्ति को होती है। शरीर को सही तरह से काम करने के लिए एक निश्चित मात्रा में आयरन की जरूरत होती है। लेकिन अगर अगर शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो शरीर में बीमार पड़ने लगता है।
करीना की डाइटीशियन रुजुता ही तैमूर की डायट का भी ख्याल रखती हैं। ऐसे में रुजुता दिवाकर ने तैमूर की डाइट के बारे में बात करते हुए बच्चों को हेल्दी रखने की कुछ टिप्स शेयर की है। अगर आप भी अपने बच्चे को तैमूर की तरह फिट और हेल्दी बनाना चाहते हैं तो रुजुता के बताए गए इन 4 रूल्स को जरूर फॉलो करें।
बच्चों के लिए विटामिन सी का सेवन इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह इम्युनिटी को मजबूत करता है। क्योंकि बच्चों की बॉडी काफी सेंसटिव होती है इसलिए यह पता होना चाहिए कि बच्चों को किस तरह और कितनी मात्रा में विटामिन सी दिया जाना चाहिए।
नवजात शिशु के लिए मां का दूध पर्याप्त होता है। हमारे देश में जब तक शिशु 6 महीने का होता है तब तक उसे मां का दूध पीने की ही सलाह दी जाती है। लेकिन जैसे-जैसे आपका शिशु बड़ा होता है उसके शरीर के विकास के लिए उसे कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है। लकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि शिशु के 6 महीने के बाद आप उसे वो सब देना शुरू कर दें जो आप खाते हैं। बल्कि शिशु की डाइट आपको बहुत सोच समझकर चुननी चाहिए। आज हम आपको 5 ऐसी चीजें बता रहे हैं जिन्हें शिशु की डाइट चुनते वक्त ध्यान रखना चाहिए।
जब शिशु के दांत निकलते हैं तो वह दर्द से कराह जाता है। इस दौरान बच्चों के मसूड़ों में दर्द, खुजली और जलन होती है जिसके चलते वे किल्कारी मारकर रोते हैं। अपने नन्हें को रोता हुआ देखना हर माता पिता के लिए सबसे बुरा मंजर होता है। इस समय अगर आप डॉक्टर से परामर्श लेंगे तो वह आपको इस समय कैल्शियम और विटामिन डी3 लेने की सलाह देंगे। शिशु के दांत निकलते समय अगर उनकी सही तरह से देखभाल की जाए तो दर्द को कम किया जा सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिन्हें अपनाने से शिशु का दर्द कम किया जा सकता है।
मां का दूध शिशुओं के लिए एक आदर्श भोजन है। यह सुरक्षित और स्वच्छ होता है। इसमें एंटीबॉडी होते हैं, जो शिशुओं में होने वाली कई बीमारियों से उन्हें बचाए रखने में मदद करते हैं, लेकिन 6 महीने के बाद शिशु के संपूर्ण विकास के लिए उन्हें कुछ सॉलिड फूड्स भी देना शुरू कर देना चाहिए।
बच्चों की डाइट उनकी उम्र के हिसाब से तय होनी चाहिए। यानि कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो बहुत हेल्दी तो होती हैं लेकिन आप उन्हें बच्चों को नहीं दे सकते, क्योंकि उन्हें पचाने के लिए बच्चों का पाचन तंत्र तैयार नहीं होता है। इसलिए यह जरूरी है कि बच्चों को जो भी दें उसके बारे में या तो एक्सपर्ट की सलाह ले लें या फिर किसी तजुर्ब के आधार पर उन्हें दें। अगर ड्राई फ्रूट की बात करें तो ये बहुत हेल्दी होते हैं और इनमें कई तरह के विटामिंस और मिनरल्स होते हैं।
1 से 3 साल तक के बच्चों के लिए चावल का माढ़ किसी अमृत से कम नहीं है। यह बच्चों में विटामिन बी, सी, ई और कार्बोहइड्रेट की कमी को दूर करता है। सिर्फ यही नहीं चावल का माढ़ बच्चों के पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ ही पेट से संबंधित कई रोगों को भी दूर करता है। छोटे बच्चों में अक्सर कब्ज और आंतों में जलन की भी समस्या हो जाती है, यह उन्हें दूर करने में भी सक्षम होता है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि जिस चावल के माढ़ को आप बेकार समझकर फेंक देते थे वह कितना फायदेमंद है।
नवजात शिशु के लिए मां का दूध काफी अच्छा होता है, इस बात से आप बहुत ही अच्छे से वाकिफ होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 1 साल से कम उम्र के बच्चों को क्या खिलाना चाहिए और क्या नहीं? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे आहार, जिसे 1 साल से कम उम्र के बच्चों को बिल्कुल ना खिलाएं।
दिन भर घर पर रहने के कारण बच्चे बिंज इटिंग भी कर रहे हैं। इससे बच्चों में वज़न बढ़ने और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ रहा है। बच्चों में मोटापे की समस्या वैश्विक स्तर पर देखी जा रही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार मां-बाप बच्चों में मोटापा रोकने की दिशा में काफी मदद कर सकते हैं। माता-पिता एक परिवार के तौर पर बच्चों में छोटी उम्र से ही हेल्दी इटिंग हैबिट्स अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
vitamin E deficiency in kids : बच्चों के लिए विटामिन ई बेहद ही जरूरी होता है। इससे बच्चे वायरस और बैक्टीरिया के प्रभाव से बचे रहते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि विटामिन ई इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है। जानें, बच्चों में विटामिन ई की कमी के कारण, लक्षण और इसकी कमी से होने वाली शारीरिक समस्याएं क्या हैं...
लॉकडाउन में बच्चे ना तो स्कूल जा पा रहे हैं और ना ही घर से बाहर खेलने-कूदने। ऐसे में उनके अंदर खीझ, गुस्सा, चिड़चिड़ापन घर कर सकता है। बेहतर है कि आप उनकी इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ-साथ मेंटली फिट रखने के बारे में भी सोचें।
Egg For Kids: अगर आप भी अपने छोटे बच्चों को अंडे खिलाना चाहते हैं तो उन्हें कब और कैसे खिलाना चाहिए यह जानना जरूरी होता है।
मैग्नीशियम एक जरूरी मिनरल व पोषक तत्व है जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है, खासकर बच्चों के लिए मैग्नीशियम बहुत जरूरी होता है। यहां बच्चों में मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के कुछ उपाय बताए गए हैं।
National Nutrition Week: राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के मौके पर यहां हम आपको महिलाओं के पोषण से जुड़ी जानकारी साझा कर रहे हैं.
World Breastfeeding Week: बॉलीवुड एक्ट्रेस दिया मिर्जा (Actress Dia Mirza ) जो हाल ही में मां बनी हैं उन्होंने ब्रेस्टफीडिंग पर कुछ ऐसा कहा जिससे चारों ओर उनकी चर्चा हो रही है।
आयरन एक ऐसा माइक्रोन्यूट्रिएंट है जिसकी जरूरत बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर व्यक्ति को होती है। शरीर को सही तरह से काम करने के लिए एक निश्चित मात्रा में आयरन की जरूरत होती है। लेकिन अगर अगर शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो शरीर में बीमार पड़ने लगता है।
करीना की डाइटीशियन रुजुता ही तैमूर की डायट का भी ख्याल रखती हैं। ऐसे में रुजुता दिवाकर ने तैमूर की डाइट के बारे में बात करते हुए बच्चों को हेल्दी रखने की कुछ टिप्स शेयर की है। अगर आप भी अपने बच्चे को तैमूर की तरह फिट और हेल्दी बनाना चाहते हैं तो रुजुता के बताए गए इन 4 रूल्स को जरूर फॉलो करें।
बच्चों के लिए विटामिन सी का सेवन इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह इम्युनिटी को मजबूत करता है। क्योंकि बच्चों की बॉडी काफी सेंसटिव होती है इसलिए यह पता होना चाहिए कि बच्चों को किस तरह और कितनी मात्रा में विटामिन सी दिया जाना चाहिए।
नवजात शिशु के लिए मां का दूध पर्याप्त होता है। हमारे देश में जब तक शिशु 6 महीने का होता है तब तक उसे मां का दूध पीने की ही सलाह दी जाती है। लेकिन जैसे-जैसे आपका शिशु बड़ा होता है उसके शरीर के विकास के लिए उसे कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है। लकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि शिशु के 6 महीने के बाद आप उसे वो सब देना शुरू कर दें जो आप खाते हैं। बल्कि शिशु की डाइट आपको बहुत सोच समझकर चुननी चाहिए। आज हम आपको 5 ऐसी चीजें बता रहे हैं जिन्हें शिशु की डाइट चुनते वक्त ध्यान रखना चाहिए।
जब शिशु के दांत निकलते हैं तो वह दर्द से कराह जाता है। इस दौरान बच्चों के मसूड़ों में दर्द, खुजली और जलन होती है जिसके चलते वे किल्कारी मारकर रोते हैं। अपने नन्हें को रोता हुआ देखना हर माता पिता के लिए सबसे बुरा मंजर होता है। इस समय अगर आप डॉक्टर से परामर्श लेंगे तो वह आपको इस समय कैल्शियम और विटामिन डी3 लेने की सलाह देंगे। शिशु के दांत निकलते समय अगर उनकी सही तरह से देखभाल की जाए तो दर्द को कम किया जा सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिन्हें अपनाने से शिशु का दर्द कम किया जा सकता है।
मां का दूध शिशुओं के लिए एक आदर्श भोजन है। यह सुरक्षित और स्वच्छ होता है। इसमें एंटीबॉडी होते हैं, जो शिशुओं में होने वाली कई बीमारियों से उन्हें बचाए रखने में मदद करते हैं, लेकिन 6 महीने के बाद शिशु के संपूर्ण विकास के लिए उन्हें कुछ सॉलिड फूड्स भी देना शुरू कर देना चाहिए।
बच्चों की डाइट उनकी उम्र के हिसाब से तय होनी चाहिए। यानि कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो बहुत हेल्दी तो होती हैं लेकिन आप उन्हें बच्चों को नहीं दे सकते, क्योंकि उन्हें पचाने के लिए बच्चों का पाचन तंत्र तैयार नहीं होता है। इसलिए यह जरूरी है कि बच्चों को जो भी दें उसके बारे में या तो एक्सपर्ट की सलाह ले लें या फिर किसी तजुर्ब के आधार पर उन्हें दें। अगर ड्राई फ्रूट की बात करें तो ये बहुत हेल्दी होते हैं और इनमें कई तरह के विटामिंस और मिनरल्स होते हैं।
1 से 3 साल तक के बच्चों के लिए चावल का माढ़ किसी अमृत से कम नहीं है। यह बच्चों में विटामिन बी, सी, ई और कार्बोहइड्रेट की कमी को दूर करता है। सिर्फ यही नहीं चावल का माढ़ बच्चों के पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ ही पेट से संबंधित कई रोगों को भी दूर करता है। छोटे बच्चों में अक्सर कब्ज और आंतों में जलन की भी समस्या हो जाती है, यह उन्हें दूर करने में भी सक्षम होता है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि जिस चावल के माढ़ को आप बेकार समझकर फेंक देते थे वह कितना फायदेमंद है।
नवजात शिशु के लिए मां का दूध काफी अच्छा होता है, इस बात से आप बहुत ही अच्छे से वाकिफ होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 1 साल से कम उम्र के बच्चों को क्या खिलाना चाहिए और क्या नहीं? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे आहार, जिसे 1 साल से कम उम्र के बच्चों को बिल्कुल ना खिलाएं।
दिन भर घर पर रहने के कारण बच्चे बिंज इटिंग भी कर रहे हैं। इससे बच्चों में वज़न बढ़ने और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ रहा है। बच्चों में मोटापे की समस्या वैश्विक स्तर पर देखी जा रही है। एक्सपर्ट्स के अनुसार मां-बाप बच्चों में मोटापा रोकने की दिशा में काफी मदद कर सकते हैं। माता-पिता एक परिवार के तौर पर बच्चों में छोटी उम्र से ही हेल्दी इटिंग हैबिट्स अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
vitamin E deficiency in kids : बच्चों के लिए विटामिन ई बेहद ही जरूरी होता है। इससे बच्चे वायरस और बैक्टीरिया के प्रभाव से बचे रहते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि विटामिन ई इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है। जानें, बच्चों में विटामिन ई की कमी के कारण, लक्षण और इसकी कमी से होने वाली शारीरिक समस्याएं क्या हैं...
लॉकडाउन में बच्चे ना तो स्कूल जा पा रहे हैं और ना ही घर से बाहर खेलने-कूदने। ऐसे में उनके अंदर खीझ, गुस्सा, चिड़चिड़ापन घर कर सकता है। बेहतर है कि आप उनकी इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ-साथ मेंटली फिट रखने के बारे में भी सोचें।
जैसा कि हमारे भारतीय घरों में बच्चों को देसी घी कई तरीकों से खिलाया जाता है। रोटी-दाल में ऊपर से घी मिलाकर खाना हो, घी में बना सूजी का हलवा, ज़्यादातर लोगों ने बचपन में बहुत ही सरल तरीके से घर के बने घी का सेवन किया होगा। इसीलिए., अपने बच्चों को भी देसी घी ज़रूर खिलाएं।
Diet For Children: बच्चों के संपूर्ण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए उनके आहार पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
बच्चों में मोटापे के कारण कई हेल्थ-प्रॉब्लम्स होती हैं। इसीलिए, अगर आप बच्चों को हेल्दी इटिंग हैबिट्स अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं तो, उन्हें हेल्दी बनाने के साथ बीमारियों से बचाने में भी मदद होगी। मोटापे से बचाने के लिए बच्चों को इन तरीके से मदद करें।
इन चीजों को खाने से बढ़ेगा दूध का उत्पादन, आपका बच्चा भूख की वजह से नहीं रोएगा बार-बार!
अगर आप अपने बच्चे को ब्रेकफास्ट में कुछ हेल्दी और टेस्टी चीज देना चाहते हैं, तो आर्टिकल आपके लिए ही है!
अगर आपके बच्चे को फल खाना पसंद नहीं है, तो यह तरीके आजमाएं!