Causes of Breathing Problem in Kids: कोरोना काल (Corona Era) में सबसे ज्यादा लोगों में सांस की तकलीफ (Breathing Problem) नजर आ रही है। ऐसे में आपके शिशु या बच्चे में सांस लेने में तकलीफ की समस्या नजर (Breathing Problem in baby) आए, तो उसे नजरअंदाज बिल्कुल भी ना करें। हालांकि, छोटे बच्चों में सर्दी-जुकाम से जमा हुए कफ या बलगम के कारण भी सांस लेने में तकलीफ होती है। यह भी जरूरी नहीं कि बच्चों को कोरोना होने पर ही सांस लेने में तकलीफ हो, इसके कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं। जानें, किन कारणों से छोटे बच्चों में सांस लेने में समस्या हो सकती है, कहीं ये किसी बीमारी का संकेत तो नहीं?
शरीर में मौजूद छोटी नली को ब्रॉन्किओल कहते हैं। यह सांस लेने वाली एक नली होती है। ब्रॉन्किओल में वायरल इंफेक्शन और सूजन होने से बच्चों में ब्रोन्कियोलाइटिस नाम की बीमारी हो जाती है। बच्चों में सांस लेने से संबंधित समस्या का एक मुक्य कारण है यह बीमारी। यदि आपको लगता है कि बच्चे या शिशु का दम फूल रहा है, तो इसे नजरअंदाज ना करें। डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
बच्चा में यह सांस से संबंधित समस्या का इलाज दवाओं जरिए संभव है। हालांकि, जब बच्चा ना खाए, ना पिए और ना ही सो पाए, तो इस स्थिति में उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाने की जरूरत भी पड़ जाती है और ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है। साथ ही इनहेलर भी दिया जाता है।
छोटे बच्चों को अधिकतर सर्दी, खांसी के कारण नाक बंद रहता है। छाती में बलगम जमा होने से भी सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। वे रात में चैन की नींद नहीं सो पाते (Causes of Breathing Problem in Kids) है, जिससे सांस लेना दूभर होने लगता है। दो वर्ष के बच्चों में सर्दी-जुकाम की समस्या होने से रेस्पिरेटरी में वायरल संक्रमण होने से यह समस्या होती है।
छोटे बच्चों को किसी भी तरह की दवाई खुद से ना दें। घरेलू उपचार आजमा सकते हैं। सर्दी-जुकाम खुद से 1 सप्ताह के अंदर ठीक हो जाता है। कफ से नाक बंद है, तो बच्चों को नेबुलाइजर लगाएं। नवजात शिशु को अधिक खांसी, छींक आए, तो डॉक्टर को दिखा दें। अधिक दिनों तक शिशु को सर्दी-जुकाम रहने से निमोनिया भी हो सकता है।
यदि बच्चे को अस्थमा (Asthma in child) है, तो सांस लेने में समस्या हो सकती है। अस्थमा फेफड़ों का रोग है। इसमें सांस नली में सूजन होने और इसके सख्त होने से पीड़ित बच्चा या वयस्क सांस नहीं ले पाता है। कई बार इसमें बलगम भी अधिक बनता है। अस्थमा अटैक आना जानलेवा भी हो सकता है, ऐसे में बेहतर है कि आप डॉक्टर से जरूर दिखाएं।
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