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ब्रेस्टफीड कराने वाली मांओं को मसाले से करना चाहिए परहेज? जानें इन 7 मिथक और इनसे जुड़ी सच्चाई के बारे में

ब्रेस्टफीड कराने वाली मांओं को मसाले से करना चाहिए परहेज? जानें इन 7 मिथक और इनसे जुड़ी सच्चाई के बारे में

नींद आपके बच्चे के व्यक्तित्व और सोने के पैटर्न पर निर्भर करती है। अगर आपका बच्चा पर्याप्त स्तनपान कर रहा है, तो वह अच्छी तरह सोएगा।

Written by Anshumala |Published : August 6, 2018 2:13 PM IST

ब्रेस्टफीड पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए एक अनमोल उपहार है, लेकिन कई मांओं के लिए सही तरीके से स्तनपान कराना हमेशा एक बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि उन्हें यह समझने में परेशानी होती है कि बच्चे को कैसे, कब और कितना स्तनपान कराना चाहिए। साथ ही, इधर-उधर से प्राप्त जानकारी और मिथकों के अलावा, उनकी आधुनिक जीवनशैली की वास्तविकताएं नई मांओं के लिए निरंतर उलझन पैदा करती है। इसलिए, महिलाओं को स्तनपान कराने से संबंधित मिथकों को समझना भी जरूरी है।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के कंसल्टेंट डॉ. मयूर दास का कहना है कि स्तनपान एक प्राकृतिक कार्य है। सभी मांओं को ब्रेस्टफीड से संबंधित चीजों को ध्यान में रखना चाहिए। ये चीजें हैं- जीवन के पहले घंटे के भीतर स्तनपान कराने की शुरुआत, 6 महीने तक विशेष स्तनपान कराना यानी शिशु को बिना किसी अतिरिक्त भोजन या पेय, यहां तक कि पानी के बिना मां का दूध देना, जब बच्चा मां का दूध पीना चाहे, तो बोतलों, कृत्रिम निप्पल या चुसनी के उपयोग के बिना स्तनपान कराएं। इससे मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहेंगे।

आइए जानते हैं ब्रेस्टफीड से होने वाले फायदों और उससे संबंधित कुछ मिथकों के बारे में-

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1 स्तन दूध प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाता है। प्रसव के बाद उत्पन्न होने वाला स्तन दूध कोलोस्ट्रम आपके बच्चे के लिए पहला सही आहार है, क्योंकि यह पहला टीका लगने के समान होता है। यह एंटीबॉडी और इम्यूनोग्लोबुलिन ए (आईजीए) से भरपूर होता है। कोलोस्ट्रम में अधिक संख्या में सुरक्षात्मक सफेद कोशिकाएं होती हैं जिसे ल्यूकोसाइट्स कहा जाता है, जो सूक्ष्मजीवों से बचाव करती है।

2 मां के दूध में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन और खनिजों का प्राकृतिक, अद्वितीय उच्च संतुलन होता है जिसके कारण बच्चे के द्वारा इसे पचाना और अवशोषित करना आसान होता है। ब्रेस्ट मिल्क बच्चों में बाद के जीवन में मधुमेह की संभावना को 35 प्रतिशत तक कम करता है और बचपन के कैंसर और बाद में हृदय रोग का खतरा कम कर देता है।

3 स्तनपान करने वाले बच्चों की तुलना में बोतल से दूध पीने वाले बच्चों में दस्त, कोलेरा जैसे संक्रमण की संभावना अधिक होती है।

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कुछ मिथक इस प्रकार हैं- 

1. मिथक - यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके बच्चे को पर्याप्त दूध मिल रहा है, आपको हर 2 घंटों पर चौबीसों घंटे उसकी देखभाल करने की जरूरत है।

सच्चाई - अधिकांश बच्चे को हर 2 घंटे में एक बार स्तनपान कराया जाता है। सलाह यह है कि आप बच्चे को देखें, घड़ी को नहीं। बच्चे की मांग पर ही उसे स्तनपान कराएं। आपका बच्चा पर्याप्त स्तनपान कर रहा है या नहीं, यह जांचने का एक तरीका उसके मल-मूत्र का निरीक्षण करना है यानी प्रतिदिन 6 डायपर का गीला होना और 2-3 बार मल त्यागना, बच्चे के स्वस्थ होने का एक आसान संकेत है। साथ ही, आपके बच्चा आपके निप्पल को जितना ज्यादा महसूस करेगा उतना ही अधिक समय तक और पर्याप्त रूप से स्तनपान करेगा।

2. मिथक - बच्चा रात में सो नहीं पाता है, क्योंकि वह मां की दूध पर निर्भर है, इसलिए रात में उसे अच्छी तरह सोने के लिए डिब्बाबंद दूध या खाद्य पदार्थ देना शुरू करें।

सच्चाई - नींद आपके बच्चे के व्यक्तित्व और सोने के पैटर्न पर निर्भर करती है। अगर आपका बच्चा पर्याप्त स्तनपान कर रहा है, तो वह अच्छी तरह सोएगा।

3. मिथक - अगर बच्चा अधिक बार स्तनपान कर रहा है या बार-बार जाग रहा है, तो इसका मतलब है कि पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं बन रहा है।

सच्चाई - यह एक आम गलतफहमी है। हकीकत में केवल 1 प्रतिशत महिलाएं ही शारीरिक रूप से पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क नहीं उत्पन्न कर सकती हैं। सच्चाई यह है कि, ब्रेस्ट मिल्क को डिब्बाबंद दूध की तुलना में पचाना और अवशोषित करना आसान होता है, इसलिए बार-बार दुग्धपान की आवश्यकता होती है। आपके बच्चे के लिए शुरुआत में बार-बार स्तनपान करना सामान्य बात है, क्योंकि उनके पेट जन्म के समय बहुत छोटे होते हैं, इसलिए वे तुरंत भर जाते हैं और तुरंत पच भी जाते हैं।

4. मिथक - मां को स्तनपान कराने के दौरान केवल मसाला रहित खाद्य पदार्थ खाना चाहिए।

सच्चाई - आप जो भी खाती हैं उसे पचा लेती हैं और उनका इस्तेमाल स्तन दूध बनाने के लिए किया जा रहा है, तो संभावित रूप से परेशान करने वाले तत्व छिन्न-भिन्न हो जाते हैं और उन्हें आपके बच्चे को बिल्कुल प्रभावित नहीं करना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप गोभी या ब्रोकली खाती हैं, तो इसकी संभावना नहीं है कि यह आपके बच्चे में गैस पैदा करेगी। अपनी खाने की आदतों को न बदलें और खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें।

5. मिथक - ब्रेस्टफीड कराने से ब्रेस्ट हमेशा के लिए ढीला रह जाता है।

सच्चाई - गर्भावस्था के दौरान स्तन का वजन अक्सर दोगुना हो जाता है। चाहे आप स्तनपान कराती हों या नहीं, गर्भावस्था के दौरान स्तन के आकार में वृद्धि स्तन को सहारा देने वाले लिगामेंट पर अतिरिक्त तनाव डालती है। तनाव जितना अधिक होगा स्तन पर उतना ही अधिक बोझ पड़ेगा और वह लटकेगा। आपके स्तन के लटकने की कितनी संभावना है, यह आपकी उम्र, बीएमआई, गर्भावस्था पूर्व ब्रा का आकार आदि बातों पर निर्भर करता है।

6. मिथक - स्तनपान निप्पल में दर्द और सूजन पैदा करता है।

सच्चाई - सच्चाई यह है कि ऐसी असुविधा आमतौर पर बच्चे को गलत ढंग से स्तनपान कराने के कारण होती है और इसलिए इसे पूरी तरह से रोका जा सकता है। अपने बाल रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करके अपने बच्चे को सही ढंग से स्तनपान कराना सीखें।

7. मिथक - यदि आपकी दुग्ध नलिकाएं अवरुद्ध हो गई हैं तो आपको स्तनपान नहीं करना चाहिए।

सच्चाई - अवरुद्ध नलिकाओं का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप बार-बार स्तनपान कराएं। इससे आप संक्रमण को रोक सकती हैं। लगातार स्तनपान के अलावा, स्तनपान कराने से पहले गर्म सिकाई करें। यदि आपको संक्रमण हो जाता है, तो अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।

चित्रस्रोत-Shutterstock.