Benefits of Peppermint Oil in Hindi: शिशुओं की मालिश करने के लिए कई तेल मार्केट में उपलब्ध हैं। यदि आपके बच्चे की त्वचा पर नारियल या सरसों का तेल सूट नहीं कर रहा है, तो आप ऑलिव ऑयल, पुदीने का तेल (Peppermint Oil in Hindi) ट्राई करके देखें। पुदीने का तेल बहुत हेल्दी होता है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, मेथेनॉल और मेंथोन आदि कुछ महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जो इसे बेहद फायदेमंद बनाते हैं। पुदीने का तेल शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए हेल्दी बताए गए हैं। जानते हैं, पुदीने के तेल का सही इस्तेमाल, किस तरह से लगाना चाहिए, इस तेल के (पिपरमिंट) क्या-क्या फायदे (Benefits of Peppermint Oil in Hindi) होते हैं।
1. यदि आपका बच्चा कुछ उल्टा-सीधा खा लिया है, तो परेशान ना हों। कई बार अधिक खाने से भी पेट फूल जाता है। इस तेल में बने हुए भोजन ही शिशु को खिलाएं। इससे आंत स्वस्थ रहेगा। बच्चा जो भी खाएगा, वह जल्दी से पच जाएगा। आप बच्चों को पुदीने के तेल का कैप्सुल भी दे सकते हैं। इसके साथ ही, बच्चों को जब भी प्यास लगे, तो उनके पानी के बोतल में दो-तीन बूंद पुदीने के तेल का मिलाकर पिलाएं।
2. पिपरमिंट ऑयल या पुदीने का तेल एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। किसी भी तरह के बैक्टीरिया को बच्चों में फैलने नहीं देता है। कई हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। ऐसे में बच्चों के शरीर में ये बच्चों में बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया का भी नाश करते हैं।
3. जब भी बच्चे को बुखार हो जाए, तो पुदीने के तेल (pudina ke tel ke fayde in hindi) का इस्तेमाल करें। इस तेल में कुछ ऐसे प्राकृतिक तत्व मौजूद होते हैं, जो बुखार को कम करते हैं। इसमें मौजूद मेथेनॉल, मिंथॉल ठंडे होते हैं। बच्चों को जब कभी भी बुखार हो, तो इस तेल की कुछ बूंदों को नारियल तेल में मिलाकर उनकी गर्दन पर लगाएं। इससे बुखार कम हो सकता है।
4. इस तेल में एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं, जो बच्चे के मुंह की हाइजिन का ख्याल रखते हैं। बच्चे को गले में दर्द है, तो गुनगुना पानी में पुदीने के तेल की कुछ बूंदें डालकर गार्गल करवाएं। इससे सांसों की बदबू, दांत दर्द आदि शारीरिक समस्याएं भी ठीक होती हैं।
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