बदलती जीवनशैली और खानपान ने बच्चों को मोटापा का शिकार बना दिया है। ज्यादातर शहरी बच्चे मोटापा का शिकार हो रहे हैं। मोटापा के शिकार बच्चें बहुत कम उम्र में ही डायबिटीज जैसी बीमारी का शिकार भी हो रहे हैं।
मोटापा हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। मोटापा हमको किसी भी उम्र में अपनी चपेट में ले सकता है। इसके अलावा कहीं न कहीं हम खुद अपने मोटापे के लिए जिम्मेदार होते हैं। वर्तमान समय में बदल रही जीवलशैली के चलते अब तो छोटे बच्चों मोटापे का शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि बच्चों में बढ़ रही मोटापे की समस्या आगे चलकर डायबीटीज, कैंसर, ब्लड प्रेशर से जुड़ीं बीमारियों को जन्म देती है।
जिन बच्चों के अंदर खेलने-कूदने की इच्छाशक्ति कम होती है या फिर वह घर ही खेलने के कारण बाहर नहीं निकलते हैं। इसके अलावा जो बच्चे शारीरिक गतिविधियों में कम दिलचस्पी दिखाते हैं। उन बच्चों को मोटापा अपना शिकार बना लेता है।
आजकल बच्चों को पौष्टिक खाना अच्छा ही नहीं लगता है, उन्हें तो जंक फूड खाने में मजा आता है। बच्चों को जंक फूड आसानी से मिल जाता है। बच्चों के इस खानपान के चलते मोटापा तेजी से उनकी तरफ बढ़ रहा है।
अक्सर देखा जाता है कि यदि परिवार में माता-पिता मोटे हैं तो उनको बच्चे भी मोटे होते हैं। इसके अलावा माता-पिता दोनों में से कोई एक मोटा है तब भी बच्चे में मोटापा बढ़ने की आशंका बनी रहती है। इस तरह से आनुवांशिक कारणों से भी बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है।
आजकल के बच्चे बहुत जिद्दी होते हैं, जिसके कारण माता-पिता को उनकी बात माननी पड़ती है। ऐसे में बच्चे अधिकतर समय टीवी और विडियो गेम के साथ गुजारते हैं और कोई काम नहीं करते हैं। जिसके चलते शारीरिक गतिविधि नहीं हो पाती है और मोटापा बढ़ने लगता है।
वर्तमान समय में बच्चों में तनाव की समस्या को देखा जा रहा है। इसके अलावा बच्चों में आत्मविश्वास की कमी हो रही है। इन समस्याओं के कारण बच्चा अवसाद में चला जाता है और खुद को बोझिल समझता है। इसके बाद मोटापा बढ़ने की शुरुआत हो जाती है।
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