धूम्रपान सिर्फ उपभोग करने वाले पर ही नहीं बल्कि उसके संपर्क में आने वालों पर भी दुष्प्रभाव डालता है। मध्य प्रदेश में 65 प्रतिशत ऐसे घर हैं जो सेकंड हैंड स्मोक अर्थात पैसिव स्‍मोकिंग का कहर झेल रहे है। ऐसे लोगों में श्वसन का कैंसर होने की आशंका ज्यादा है।सेकंड हैंड स्मोक से आशय उन लोगों से है जो धूम्रपान नहीं करते मगर उससे प्रभावित होते हैं। उदाहरण के तौर पर सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करने वाले को तो उसका दुष्प्रभाव हो ही रहा है मगर जो सामने है और धूम्रपान नहीं कर रहा वह भी उससे प्रभावित हो