Covid-19 Precautions: कोरोनावायरस ने महामारी (coronavirus Pandemic) का रूप धारण कर लिया है। इस संक्रमण का ख़तरा छोटे बच्चों को काफी ज़्यादा है। इसीलिए, उन्हें इस इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए पूर्ण आहार देना जरूरी है। जिससे उनकी इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर न हो सके। इम्यून सिस्टम के कमज़ोर होने से बच्चे आसानी से किसी भी इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में मां का दूध कोरोना संक्रमण से लड़ने की ताकत देगा (Breastfeeding and Coronavirus), यह कहना है वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गैनाइजेशन (World Health Organization) का। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों को कोविड-19 इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए मां का दूध पिलाते रहने की सलाह दी है। वहीं आईएएनएस से बातचीत में यही टिप क्वीन मैरी अस्पताल, लखनऊ की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस़. पी़. जैसवार ने भी दी।
ब्रेस्टफीडिंग है बच्चों को कोविड-19 से बचाने का उपाय (Breastfeeding and coronavirus in hindi)
समचार एजेंसी आईएएनएस को जानकारी देते हुए डॉ. जैसवार ने बताया, " ब्रेस्ट मिल्क यानि मां का दूध कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन, खांसने या छींकने पर बूंदों और एरोसेल के माध्यम से यह वायरस मां से बच्चे तक फैल सकता है। अगर मां पूरी सावधानी के साथ अपने हाइजिन का ध्यान रखती है तो स्तनपान करने पर भी संक्रमण से बचा जा सकता है।"
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जन्म के बाद जल्द से जल्द करें ब्रेस्टफीड:
जैसा कि न्यू बॉर्न बच्चे के लिए एक घंटे के भीटर मां का दूध पिलाना बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसीलिए, डॉ. जैसवार ने बताया कि "बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर पीला गाढ़ा दूध पिलाना इसलिए भी जरूरी होता है, क्योंकि वही बच्चे के लिए उसका पहला टीका होता है और यह कोरोना जैसी कई बीमारियों से बच्चों की रक्षा कर सकता है । इसके अलावा मां के दूध में एंटीबॉडीज़ भी होती हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। चूंकि अच्छी इम्यूनिटी ही कोरोना से बचने का सबसे अच्छा तरीका है इसीलिए, बच्चे को जन्म के बाद जल्द से जल्द दूध पिलाने से फायदा होता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, शुरू के छह माह तक बच्चे को केवल मां का दूध देना चाहिए क्योंकि उसके लिए वही सम्पूर्ण आहार होता है। इस दौरान बाहर का कुछ भी नहीं देना चाहिए। यहां तक कि पानी भी नहीं, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है।
बच्चे को दूध पिलाते समय रखें इन बातों का ध्यान
मास्क पहनकर कराएं ब्रेस्टफीड
डॉ़ जैसवार ने बताया, "बदलते मौसम के दौरान यदि मां बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रही है तो वह बच्चे को पूरी सावधानी के साथ स्तनपान कराये। ऐसी स्थिति में मास्क पहनकर ही बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए।
साफ-सफाई का रखें ध्यान
अपने बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली मां को हाइजिन का बहुत अधिक ख्याल रखना चाहिए। खांसते और छींकते समय अपने मुंह को रुमाल या टिश्यू से ढंक लें। छींकने और खांसने के बाद, बच्चे को अपना दूध पिलाने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से ठीक तरीके से साफ करें। ध्यान रखें कि 40 सेकेंड्स तक हाथों को साबुन से मलना है। "
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उन्होंने आगे बताया कि "यदि मां स्तनपान कराने की स्थिति में नहीं है तो वह मास्क पहनकर अपना दूध साफ कटोरी में निकालकर और साफ कप या चम्मच से बच्चे को दूध पिला सकती है। इसके लिए भी बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है कि अपना दूध निकालने से पहले हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह से धोएं, जिस कटोरी या कप में दूध निकालें उसे भी साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें।"
वीनिंग फूड की मदद से बढ़ाएं 6 महीने से बड़े बच्चों की इम्यूनिटी
छह माह से बड़े बच्चों को स्तनपान कराने के साथ ही पूरक आहार देना भी शुरू करना चाहिए क्योंकि यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास का समय होता है। इस दौरान दाल, दूध, दूध से बने पदार्थ, मौसमी फल और हरी सब्जियां देना चाहिए।