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महिलाओं में वजाइना को लेकर कई तरह के भ्रम आज भी मौजूद हैं. हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जो चौकाने वाला है. वजाइनल स्टीमिंग (Vaginal Steaming) के द्वारा एक महिला का का प्राइवेट पार्ट काफी हद तक जल गया है. विश्व के कुछ देशों में वजाइना को टाइट करने अर्थात योनि में कसाव के लिए वजाइनल स्टीमिंग (Vaginal Steaming) का उपयोग किया जा रहा है. इसके समर्थक मानते हैं कि इससे वजाइना की सफाई होती है. उनका यह भी मानना है कि इससे योनि में कसाव आने के साथ वाजाइनल हेल्थ भी ठीक रहता है. इस पूरी प्रक्रिया को वजाइनल स्टीमिंग (Vaginal Steaming) , वी-स्टीमिंग या योनि स्टीमिंग के नाम से जाना जाता है.
कनाडा की एक महिला ने वजाइनल स्टीमिंग (Vaginal Steaming) से अपने प्राइवेट पार्ट को नुकसान पहुंचाया है. ऑनलाइन जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार महिला का प्राइवेट पार्ट सेकंड डिग्री तक बर्न हो गया. वजाइनल स्टीमिंग (Vaginal Steaming) की वजह से वजाइना में फफोले भी पड़ गये.
इंटरनेट पर मौजूद कुछ वेबसाइट इसके फायदे के बारे में भी बताती है. उन वेबसाइटों के अनुसार पीरियड के दर्द और वजाइना में कसाव के लिए वजाइनल स्टीमिंग (Vaginal Steaming) लाभदायक है.
अमेरिका जैसे देश में वजाइनल स्टीमिंग का उपयोग लगातार बढ़ रहा है. लेकिन इसके बारे में अभी तक किसी प्रकार का कोई मेडिकल रिसर्च नहीं हुआ है. इस पर विश्वास करने वालों का दावा है कि वजाइनल स्टीमिंग के बाद योनी में कसाव होता है.
इस बारे में विशेषज्ञ और डॉक्टर्स की सलाह इसके उलट है. उनके अनुसार वजाइल स्टीमिंग खतरनाक है, इससे गर्भाशय ग्रीवा और वजाइना का कोमल भाग जल सकता है. इसकी वजह से वजाइना का सेंस भी जा सकता है.
डॉक्टर्स यह भी मानते हैं कि वजाइनल स्टीमिंग से वजाइना का सामान्य तापमान भी प्रभावित होता है, जो ठीक नहीं है. इससे योनि की सफाई होती है ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं. वैसे भी विशेषज्ञ मानते हैं वजाइना अपनी सफाई करने में खुद सक्षम है.
ज्यादा वजाइनल डिस्चार्ज के कारण और इलाज.