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जब भी कभी प्यार में पड़ते हैं तो उसका अहसास अलग ही होता है और आपके दिल में एक साथ कई तरह के भाव आते हैं। रिश्ते के टूटने या फिर अपने किसी बहुत प्यारे इंसान को खोने पर दिल टूटता है, जिसकी वजह से शारीरिक दर्द भी महसूस होता है। आपने बहुत बार सुना होगा कि दिल टूटने पर किसी व्यक्ति को दर्द होता है लेकिन वो दर्द कहां होता है उसका अंदाजा लगाना मुश्किल ही नहीं मुमकिन है। हालांकि साइंस ने भी ये मान लिया है कि दिल टूटने पर होने वाला दर्द शारीरिक होता है, जो कि वास्तविक है और इसके पीछे साइंस का अपना तर्क भी है। आइए जानते हैं दिल टूटने पर होने वाले दर्द के बारे में।
लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड में डॉ. फॉक्स ऑनलाइन के एक मेडिकल राइटर डॉ. डेब्रा ली का कहना है कि दिल टूटने पर होने वाला दर्द साइकोलॉजिक्ल प्रभाव पैदा करता है और इसके लक्षण सिर्फ दिमागी उपज नहीं होते हैं।
डॉ. ली का कहना है कि जब आप कभी प्यार में पड़ते हैं तो हार्मोन प्राकृतिक रूप से उमड़-उमड़ कर बाहर आने लगते हैं। इसमें ऑक्सीटोसिन और आपको अच्छा महसूस कराने वाला हार्मोन डोपामाइन का मिश्रण शामिल है। लेकिन जब आपका दिल टूटता है तो ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन का लेवल ड्रॉप हो जाता है जबकि स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का लेवल बहुत ज्यादा हो जाता है।
डॉक्टरों का कहना है कि कोर्टिसोल का लेवल बढ़ने से कई परेशानियां हो सकती हैं, जिसमें वजन का बढ़ना, एंग्जाइटी, हाई ब्लड प्रेशर और मुंहासों जैसी परेशानियां हो सकती हैं। अपने पार्टनर से अलग होने जैसे सोशल रिजेक्शन आपके दिमाग के कुछ हिस्सों को सक्रिय कर देता है, जिसकी वजह से आपको शारीरिक दर्द महसूस होने लगता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ मामलों में टूटे हुए दिल से होने वाला दर्द एक मेडिकल कंडीशन भी बन जाता ह, जिसे ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम भी कहते हैं। इस स्थिति में हमारा दिल शारीरिक और भावनात्मक स्ट्रेस द्वारा भी दर्द महसूस करता है। इस स्थिति की वजह से दिल तक पंप होने वाली रक्त की सप्लाई भी प्रभावित होती है और कभी-कभार बमुश्किल ही रक्त पहुंच पाता है, जिसकी वजह से सीने में दर्द हो सकता है।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण कुछ प्रकार तक हार्ट अटैक जैसे ही होते हैं, जो कि डॉक्टरों और मरीजों के लिए दोनों में अंतर कर पाने की परेशानी को बढ़ा देता है।
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