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डब्ल्यूएचओ 130 करोड़ लोगों को स्मोकिंग की आदत छोड़ने के लिए शुरू करेगा पहल

डब्ल्यूएचओ 130 करोड़ लोगों को स्मोकिंग की आदत छोड़ने के लिए शुरू करेगा पहल
डब्ल्यूएचओ 130 करोड़ लोगों को स्मोकिंग की आदत छोड़ने के लिए शुरू करेगा पहल।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की है कि वह दुनिया में तम्बाकू का सेवन करने वाले 130 करोड़ लोगों को इस आदत को छोड़ने में मदद करने के लिए एक पहल शुरू कर रहा है। यह पहल लोगों को निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी और डिजिटल हेल्थ वर्कर की सलाह जैसी चीजें उपलब्ध कराएगी।

Written by Anshumala |Published : July 11, 2020 7:51 PM IST

Smoking and Covid-19 Risk: धूम्रपान सेहत के लिए खराब है यह सभी जानते हैं, बावजूद इसके लोग धूम्रपान का सेवन (Smoking) करना नहीं छोड़ते हैं। स्मोकिंग करने के सेहत पर कई नुकसान होते हैं। कई शोध में यह भी पता चल चुका है कि जो लोग अधिक स्मोकिंग करते हैं, उनमें कोरोनावायरस से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। इसे ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने घोषणा की है कि वह दुनिया में तम्बाकू का सेवन करने वाले 130 करोड़ लोगों को इस आदत को छोड़ने में मदद करने के लिए एक पहल शुरू कर रहा है।

यह पहल कोविड-19 महीमारी (Covid-19 pandemic in hindi) के दौरान शुरू की जा रही है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम घेब्रेयसिस ने शुक्रवार को एक ब्रीफिंग में कहा, "यह पहल लोगों को निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Nicotine replacement therapy) और डिजिटल हेल्थ वर्कर की सलाह जैसी चीजें उपलब्ध कराएगी।"

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय के अनुसार, धूम्रपान करने से प्रति वर्ष 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है। सबूतों से पता चलता है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में कोविड-19 (Smoking and Covid-19 risk in Hindi) संक्रमित होने पर मामले के गंभीर होने आशंका अधिक है।

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डब्ल्यूएचओ ने गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) पर संयुक्त राष्ट्र की इंट्राएजेंसी टास्क फोर्स के साथ मिलकर यह पहल की है। इस पहल में टेक इंडस्ट्री, फार्मास्युटिकल और पाथ जैसे एनजीओ पार्टनर्स शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ पहले जॉर्डन में पहल शुरू करेगा और फिर आने वाले महीनों में इसे विश्व स्तर पर लॉन्च करेगा।

धूम्रपान के नुकसान (Smoking Side Effects in Hindi)

1 धूम्रपान करने से फेफड़ों पर नकारात्मक असर होता है। इससे फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

2 सिगरेट के धुएं में मौजूद घटकों से पैरों की मांसपेशियों से रक्त शिराएं कम करके इन्हें सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाता है। रक्त शिराएं कम होने से मांसपेशियों में ऑक्सीजन पहुंचने में समस्या हो सकती है।

3 धूम्रपान बांझपन की समस्या को भी बढ़ाता है। कम उम्र में सिगरेट पीने से महिलाओं में इंफर्टिलिटी की संभावना (smoking increases risk of infertility) 60 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। गर्भावस्था में धूम्रपान करने से पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पुहंच सकता है।

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