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विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं भारतीय, इस तरह दूर करें कमी

विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं भारतीय, इस तरह दूर करें कमी
भारत में जहां सूर्य की रोशनी पर्याप्‍त मात्रा में मौजूद है, वहां के 80-90 फीसदी लोगों का विटामिन डी की कमी से जूझना चौंका देने वाला है। हाल के सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है। © Shutterstock

भारत में जहां सूर्य की रोशनी पर्याप्‍त मात्रा में मौजूद है, वहां के 80-90 फीसदी लोगों का विटामिन डी की कमी से जूझना चौंका देने वाला है। हाल के सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है।

Written by Yogita Yadav |Published : August 29, 2019 4:55 PM IST

भारत के तकरीबन 80- 90 फीसदी लोग विटामिन डी की कमी (Tips to avoid Vitamin D deficiency) से जूझ रहे हैं। यह तब है जब यहां सूर्य की रोशनी की कोई कमी नहीं है। सूर्य की रोशनी विटामिन डी (Tips to avoid Vitamin D deficiency) का सर्वोत्‍तम स्रोत है। एक हालिया अध्ययन से सामने आए निष्कर्षों के मुताबिक, भारत की 70 से 90 फीसदी आबादी विटामिन डी की कमी से जूझ रही है। शोधकर्ताओं के मुताबिक मुंबई के शहरी व्यस्कों में विटामिन डी की कमी सबसे ज्यादा 88 फीसदी है।

क्‍या है विटामिन डी 

विटामिन डी (Tips to avoid Vitamin D deficiency) एक फैट सोल्यूबल न्यूट्रिएंट है, जो हमारे शरीर को शक्तिशाली रूप से प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। भारत जैसे किसी देश में, जहां पर्याप्त रूप से सूर्य की रोशनी उपहार में मिलती हो वहां की 70 से 90 फीसदी आबादी का विटामिन डी की कमी से जूझना चौंका देने वाला है। हालांकि जब हमें सूर्यकिरणों से विटामिन डी प्राप्त नहीं होता है तब ऐसे कई विशेष फूड भी हैं, जो हमारी शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं।

डायबिटीज और हाइपरटेंशन का बढ़ा जोखिम

नए अध्ययन के निष्कर्षों के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने पाया है कि अधिकतर भारतीय विटामिन डी की कमी (Tips to avoid Vitamin D deficiency) से जूझ रहे हैं और यह स्थिति टाइप-2 डायबिटीज और हाइपरटेंशन से प्रभावी रूप से जुड़ा हुआ है। विशेषज्ञों की मानें तो  भारत में 84 फीसदी गर्भवती महिलाएं विटामिन डी की कमी से परेशान है, जिसके कारण उनके नवजातों में विटामिन डी की कमी के स्तर से भी संबंधित है।

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वयस्‍कों में विटामिन डी की कमी (Tips to avoid Vitamin D deficiency) हड्डियों के कम मांस और मांसपेशियों की कमजोरी से जुड़ी हुई है, जिसके परिणामस्वरूप फ्रेक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी विकारों का खतरा बढ़ जाता है। यह शोध 1,508 लोगों पर किया गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक मुंबई के शहरी व्यस्कों में विटामिन डी की कमी सबसे ज्यादा 88 फीसदी है। अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ कि 84.2 फीसदी टाइप-2 डायबिटीज के मरीज विटामिन डी की कमी से परेशान थे जबकि 82.6 फीसदी हाइपरटेंशन के मरीज इस विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं।

कई तरह के जोखिमों का खतरा

अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि हाइपोथायरायडिज्म और मोटापे या अधिक वजन की स्थिति के साथ विटामिन डी की कमी (Tips to avoid Vitamin D deficiency) के संबंध की भी जांच की गई। अधिकतर हाइपोथायराइड  रोगियों  (76 प्रतिशत) में विटामिन डी का स्तर कम था। इसके अलावा, 82 प्रतिशत मरीज मोटे थे, जो दर्शाता है कि उनमें विटामिन डी की कमी है। यह निष्कर्ष जल्द से जल्द निदान और विटामिन डी की कमी के प्रभावी प्रबंझ को सुनिश्चित करने के लिए रूटीन जांच की जरूरत पर जोर देते हैं ताकि गैर-संचारी रोगों से संबंधित खतरे और बोझ को कम करने में मदद मिल सके।

ये हैं कारण

भारत में विटामिन डी की कमी के कई कारण हैं। अधिकतर शहरों और गतिहीन जीवनशैली के कारण लोग धूप नहीं ले पाते, जिसके परिणामस्वरूप वह घर से बाहर ज्यादा वक्त नहीं बिता पाते हैं। वायु प्रदूषण का उच्च स्तर भी लोगों में विटामिन डी की कमी के एक कारणों में से एक है। शरीर में विटामिन डी की कमी को आप इन खाद्य पदार्थों के जरिए पूरा कर सकते हैं।

इस तरह दूर कर सकते हैं विटामिन डी की कमी (Tips to avoid Vitamin D deficiency)

इस जरूरी विटामिन की आपूर्ति के लिए जरूरी है कि आप खुली बांहों से कुछ देर धूप में बिताएं। हमेशा एयरकंडीशंड कमरों में रहना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा आपको अपने आहार में दही, गाय का दूध, संतरे का जूस, ओटमील,  मशरूम और अंडे की जर्दी का सेवन करना चाहिए।

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