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Covid-19 New Strain: भविष्य में आ सकते हैं कोरोना के नये स्ट्रेन, WHO का बयान, हर साल पड़ेगी नयी कोविड-19 वैक्सीन की ज़रूरत

Covid-19 New Strain: भविष्य में आ सकते हैं कोरोना के नये स्ट्रेन, WHO का बयान, हर साल पड़ेगी नयी कोविड-19 वैक्सीन की ज़रूरत

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऑनलाइन एक बयान जारी करते हुए कहा कि वायरस के स्वरूपों में बदलाव यानि म्यूटेशन एक बहुत ही साधारण-सी बात है। चूंकि कोविड-19 वायरस बहुत अधिक संक्रामक है, ऐसे में इसके और भी कई स्ट्रेन सामने आ सकते हैं। (Covid-19 New Strain)

Written by Sadhna Tiwari |Updated : January 20, 2021 4:46 PM IST

Covid-19 New Strain : कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को दोबारा बढ़ते देख  विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कोरोना वायरस के नये वेरिएंट्स पर अधिक रिसर्च पर ज़ोर दिया है। वहीं, कई इंफेक्शियस डिज़िज यानि संक्रामक रोगों से जुड़े शोध कर रहे एक्सपर्ट्स का दावा है कि, कोविड-19 वैक्सीन के हजारों वेरिएंट अस्तित्व में आ चुके हैं। इन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वायरस का व्यवहार दो तरीकों का होता  है। पहला उनमें निरंतर बदलाव होता रहता है और दूसरा, वे तेज़ी से लोगों को संक्रमित करते हैं। इसीलिए, यह कहा जा सकता है कि लोगों की कल्पनाओं से भी कहीं अधिक तेज़ी से वायरस के व्यवहार में बदलाव आता है। (Vaccine for Covid-19 New Strain )

WHO ने कहा भविष्य में आ सकते हैं कोरोना के नये स्ट्रेन

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऑनलाइन एक बयान जारी करते हुए कहा कि वायरस के स्वरूपों में बदलाव यानि म्यूटेशन (Mutation) एक बहुत ही साधारण-सी बात है। चूंकि कोविड-19 वायरस बहुत अधिक संक्रामक है, ऐसे में इसके और भी कई स्ट्रेन सामने आ सकते हैं। यूके स्ट्रेन (UK Strain of Covid-19) ऐसा ही एक स्ट्रेन है। अच्छी बात यह है कि इस स्ट्रेन की पहचान हो गयी और लोगों को यह पता लग सका कि यह स्ट्रेन 70 फीसदी अधिक संक्रामक है।

डॉ.एंथोनी फॉउसी (Dr. Anthony Fauci) का कहना है कि वैक्सीन कोविड-19 के सभी नये स्ट्रेन के खिलाफ उपलब्ध फिलहाल सर्वोत्तम सुरक्षा उपाय है। लेकिन, वहीं दूसरी तरफ  WHO का कहना है कि इस दिशा में और अधिक रिसर्च की ज़रूरत है। क्योंकि, उससे धीरे-धीरे सामने आ रहे नये म्यूटेंट्स के व्यवहार, संक्रामकता, उनसे खतरे, इलाज और उनके लिए आवश्यक वैक्सीन की खोज की दिशा में ये रिसर्च और स्टडीज़ मददगार साबित होंगी।

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लगातार बदल रहा है कोरोना वायरस का व्यवहार

वहीं कई एक्सपर्ट्स ने भी ऐसा कहा है कि भले ही कोविड-19 की वैक्सीन्स अभी पहचाने जा चुके कोविड-19 वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर हैं। लेकिन, वायरस लगातार गम्भीर और ख़तरनाक बनता जा रहा है। ऐसे में इन एक्सपर्ट्स की यह भी राय है कि, हमें नये वेरिएंट्स के व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए और ऐसे वेरिएंट्स की पहचान करनी चाहिए जिनपर, मौजूदा कोविड-19 वैक्सीन कारगर नहीं है। क्योंकि, भविष्य में ऐसी स्थिति बन सकती है जहां हमें नये वैक्सीन की आवश्यकता पड़ेगी।

हर साल करना होगा कोविड-19 वैक्सीन को विकसित

इसका अर्थ यह है कि वायरस के नये म्यूटेंट्स लगातार सामने आते रहेंगे और सक्रिय बने रहने के प्रयास करेंगें। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले 4-5 वर्षों में इंफ्लुएंजा वायरस (Influenza)  की तरह ही कोविड-19 वायरस से बचने के लिए  भी हर वर्ष प्रयास करने होंगे। जहां, हर वर्ष इस समस्या से लोगों को जूझना होगा। हालांकि, इंफ्लुएजा की तुलना में कोविड-19 वायरस अधिक संक्रामक और ज़्यादा समय तक टिकने वाला वायरस है। इसीलिए, भविष्य में कोविड-19 के टीकों को प्रतिवर्ष और एडवांस बनाने की आवश्यकता पड़ेगी।