Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया भर में एक करोड़ से अधिक टीबी से पीड़ित लोग हैं। इनमें से 27 फीसदी भारत में निवास करते हैं। देश में टीबी पीड़ितों की सबसे अधिक संख्या यूपी में है। देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के कारण टीबी उन्मूलन में उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी भी बड़ी है।
सीएम योगी शनिवार को विश्व क्षय रोग दिवस पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित गोष्ठी 'यूपी वर्सेस टीबीए टीबी हारेगा-यूपी जीतेगा' के शुभारम्भ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हम टीबी से मुक्ति के संकल्प को सिद्धि में बदलने के लिए पूरी गंभीरता के साथ प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि टीबी को लेकर काफी अंधविश्वास, रूढ़िवादिता प्रचलित है, जिससे उपचार कठिन हो जाता है। इस लिए उपचार से पहले जागरूकता बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाएं हैं लेकिन आम जनमानस को उसके बारे में जानकारी नहीं होती है। जागरूकता के अभाव में बीमारी हस्तांतरित होती है। यही वजह है कि हम टीबी से मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते।
उन्होंने कहा कि हमने पोलियो से अपने देश को मुक्त कराने की जंग जीती है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। यह प्रयास तभी संभव हो सकेगा जब टीबी उन्मूलन में जनसहभागिता बढ़े।
उन्होंने कहा कि टीबी मुक्ति के अभियान को किसी एक विभाग के बूते सफल नहीं बनाया जा सकता। इसके लिए शासन व प्रशासन से जुड़े हुए हर तबके और स्वयंसेवी संस्थाओं की सहभागिता आवश्यक है। सब मिलकर काम करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोग बीमारी की विवेचना करते हैं। बीमारी की विवेचना नहीं, उपचार होता है। जब बीमारी की विवेचना होगीए इसको अंधविश्वास से जोड़ा जाएगा तो उपचार संभव नहीं है।
योगी ने कहा कि टीबी का उपचार बहुत आसान हुआ है, जो तबका इससे सबसे अधिक पीड़ित है, वह पोषण की कमी से जूझ रहा है। पीड़ितों को हर माह 500 रुपये की सहायता उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार योजना लागू कर रही है।
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में वायरोलॉजी सेण्टर की स्थापना तथा प्रदेश में 08 नये मेडिकल कॉलेज के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि आगामी दो से 16 अप्रैल तक प्रदेश में व्यापाक इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान चलेगा। अभियान से ग्राम्य विकासए पंचायती राजए चिकित्सा शिक्षाए नगर विकासए महिला एवं बाल विकासए बेसिक शिक्षा विभाग को जोड़ा गया है। पहले जापानी इंसेफेलाइटिस का टीका जून में लगता था। इस कारण टीका प्रभावी नहीं हो पाता था। बच्चे चपेट में आ जाते थे। टीका प्रभावी हो सके इसलिए अप्रैल में ही अभियान चलाया जाएगा। एक पखवाड़े के भीतर एक से लेकर 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीका लगाया जाएगा।
स्रोत: IANS Hindi.
चित्रस्रोत: Shutterstock.