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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हजारों लोगों की मौत हुई थी। मगर ये बात देश के किसी भी राज्य ने स्वीकार नहीं किया है। केवल पंजाब राज्य में ऑक्सीजन की कमी से 4 लोगों की मौत की बात स्वीकार की है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र में एक सवाल के जवाब में जानकारी दी। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने विपक्षी दलों पर ऑक्सीजन की कमी को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
लोकसभा के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ऑक्सीजन की कमी वाले सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 'जब जब देश में हमारी रिक्वायरमेंट एवरेज 900 से 1000 मिट्रिक टन हुआ करती थी और फर्स्ट वेब में 1400 तक बढ़ी। जब करो ना कि दूसरी लहर आई तो ऑक्सीजन की डिमांड अचानक बढ़ने लगी तो सरकार ने उसे बढ़ाने का प्रयास किया और 9500 मीट्रिक टन तक ले गई। जब देश में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी तो सरकार ने प्रयास कर उत्पादन बढ़ाया और अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल किया गया। विदेश से टैंकर मंगाए गए, नेवी का उपयोग किया गया और सरकार ने तमाम तरह के प्रयास किए।'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, 'बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि ऐसी स्थिति में भी कुछ लोगों ने राजनीति करनी नहीं छोड़ी। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का आंकड़ा बताने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को तीन बार लेटर लिखा गया। जिसमें से सिर्फ 19 राज्यों ने उस पत्र का उत्तर दिया, उनमें से भी सर पंजाब राज्य ने लिखित में यह माना कि उनके राज्य में सिर्फ चार संदिग्ध मौतें ऑक्सीजन की कमी से हुई है जिसकी वह जांच कर रहे हैं। और इसे केंद्र सरकार ने सार्वजनिक किया है।'