Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
राजधानी में आए दिन कोरोनावायरस के चलते स्थिति खराब होती जा रही है। जहां एक ओर रोज कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं, अस्पतालों में बेडों की किल्लत नया रूप ले रही है। भले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) दावा करते रहें कि दिल्ली में स्थिति कंट्रोल में है और बेडों की कमी भी नहीं है, लेकिन जमीनी स्तर पर जो हकीकत देखने को मिल रही है उससे मुख्यमंत्री की बातों पर विश्वास करना मुश्किल है। हालात ये हैं कि दिल्ली में कोरोना मरीज एक बेड शेयर करने को तैयार हैं। दिल्ली के प्रसिद्ध अस्पताल और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए डेडीकेटिड लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल Lok Nayak Jai Prakash Narayan Hospital (LNJP) की स्थिति ये है कि यहां एक ही बेड पर 2 कोरोना मरीज लेटने को मजबूर हैं। आलम ये है कि डॉक्टर 1 ही बेड पर 2 कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन दे रहे हैं।
ये स्थिति तब है जब लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए भारत की सबसे बड़ी फैसिलिटी में से एक है। इस अस्पताल में 1500 के करीब बेड हैं और अच्छा खासा स्टाफ है। अस्पताल के बाहर रोज एंबुलेस में कोरोना मरीजों की लाइन लगी रहती है और वार्ड भी लगभग फुल ही हैं। कुछ मरीज बसों, ऑटोरिक्शा और अपने वाहन से भी आ रहे हैं। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुरेश कुमार का कहना है कि अस्पताल में कोरोना मरीजों का जबरदस्त हुजूम है। हालांकि डॉक्टर्स से लेकर अस्पताल का पूरा स्वास्थ्य विभाग अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहा है। अस्पताल में पहले कोरोना मरीजों के लिए सिर्फ 54 थे, लेकिन अब क्रिटिकल कंडीशन के लिए ये संख्या बढ़कर 300 से भी ज्यादा हो गई है। हालांकि ये भी कम ही होंगे।
भारत में अब जो कोरोना केस आ रहे हैं उनमें ज्यादातर मामले विदेशी वैरिएंट्स के हैं। मध्य प्रदेश मेंअब तक जितने सैंपल्स की टेस्टिंग हुई है, उनमें से 6 फीसदी में डबल म्यूटेशन पाया गया है। यानि कि अब लोग 2 बार अपना रूप बदलने वाले कोरोना वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं। सिर्फ यही नहीं 5% लोगों में यूके या ब्रिटेन का कोरोना वैरिएंट पाया गया। मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में ऐसे केस ज्यादा आ रहे हैं।