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कुछ लोगों को सुबह कब्ज, गैस और एसिडिटी की इतनी ज्यादा समस्या होती है कि उनके दिन की शुरूआत ही खराब हो जाती है। काफी देर तक टॉयलेट में बैठे रहने के बाद भी पेट साफ नहीं हो पाता। बदले हुए लाइफ स्टाइल के कारण ये समस्याएं अब इतनी आम हो गई हैं कि लोगों ने इन्हें बीमारी मानना छोड़ दिया है। पर इन समस्याओं के साथ रहना और कई समस्याओं को बढ़ा देता है। अगर आप भी लगातार इस तरह की किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो ये तीन आसन आपके लिए बहुत फायदेमंद होंगे।
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[caption id="attachment_654142" align="alignnone" width="655"]मलासन
यह उनके लिए बहुत फायदेमंद है जिन्हें मलत्याग में दिक्कत आती है।
मलासन करने के लिए सबसे पहले अपने घुटनों को मोड़कर मल त्याग की अवस्था में बैठ जाएं।
बैठने के बाद अपने दोनों हाथों की बगल को दोनों घुटनों पर टीका दें।
अब दोनों हाथो की हथेलियों को मिलाकर नमस्कार मुद्रा बनाएं।
अब धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें, आपको कुछ देर इसी अवस्था में बैठना है।
अब धीरे-धीरे हांथो को खोलते हुए वापस उठ कर खड़े हो जाए।
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[caption id="attachment_654145" align="alignnone" width="655"]मकरासन
सबसे पहले चादर या चटाई बिछाकर जमीन पर पेट के बल लेट जाइए।
दोनों हाथों की कोहनियों को मिलाते हुए हाथ मोड़िए और गाल को हथेलियों के बीच टिका लीजिए।
अब दोनों पैरों को मिलाकर सांस को अंदर कीजिए, उसके बाद सांस को बाहर करते हुए दोनों कोहनियों को अंदर की तरफ खींचिए।
इस क्रिया को कम से कम 5 बार दोहराइए।
अब धीरे-धीरे अपने पैरों, हाथों और शरीर के ऊपरी हिस्से को इस तरह ऊपर उठाएं कि आपके शरीर का सारा वजन पेट पर आ जाए।
अब धीरे-धीरे पहले की पोजीशन में आ जाइए।
सांस को आराम से लेते हुए पैरों को बारी-बारी घुटने से मोड़िए और फिर पहले की पोजीशन में ले जाइए।
कोशिश कीजिए कि आपके पैरों की एड़ी नितंबों को छुए। इस क्रिया को 20 बार दोहराइए।
पैरों को मुड़ा रखकर गर्दन को घुमाकर दोनों पैरों की एड़ियों को देखने का प्रयास कीजिए।
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भुजंगासन
भुजंगासन करने के लिये सबसे पहले मुंह को नीचे की ओर करके पेट के बल लेट जाएं और फिर शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़ दें। इसके बाद हथेलियों को कंधों और कुहनियों के बीच वाली जगह पर जमीन के ऊपर रख लें और नाभि से आगे तक के भाग को धीरे-धीरे सांप के फन की तरह ऊपर उठाएं। अब पैर की उंगलियों को पीछे की तरफ खींचकर रखें, ताकि उंगलियां जमीन को छूने लगें। इस पोजीशन में कुछ देर के लिये रुकें और इसे कम से कम चार बार करें।
[caption id="attachment_654143" align="alignnone" width="655"]पवनमुक्तासन
जिन्हें बहुत ज्यादा गैस की समस्या रहती हैं, उन्हेंं हर रोज पवनमुक्तासन का अभ्यास करना चाहिए। इस आसन को करने के लिए भूमि पर चटाई बिछा कर पीठ के बल लेट जायें। फिर सांस भर लीजिए। अब किसी भी एक पैर को घुटने से मोडि़ये, दोनों हाथों की अंगुलियों को परस्पर मिलाकर उसके द्वारा मोड़े हुए घुटनों को पकड़कर पेट के साथ लगा दें। फिर सिर को ऊपर उठाकर मोड़े हुए घुटनों पर नाक लगाएं। दूसरा पैर जमीन पर सीधा रखें। इस क्रिया के दौरान श्वांस रोककर कुम्भक चालू रखें। सिर और मोड़ा हुआ पैर भूमि पर पहले की तरह रखने के बाद ही रेचक करें। दोनों पैरों को बारी-बारी से मोड़कर यह क्रिया करें। दोनों पैर एक साथ मोड़कर भी यह आसन किया जा सकता है।
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