अगर आप प्रजनन क्षमता के उपचार की योजना बना रहे हैं तो सर्तक हो जाइए क्योंकि इससे आपके बच्चे में ऑटिज्म का जोखिम बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन उपचार के मामले में प्रजनन क्षमता का उपचार वाले लोगों में ऑटिज्म वाले बच्चे की संभावना इस उपचार को नहीं लेने वालों की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रविवार की रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेस्टेरोन एक भ्रूण स्टेरॉयड हॉर्मोन है जिसकी दिमाग के विकास के लिए जरूरत होती है। एक परिकल्पना है कि यह ऑटिज्म के विकास के लिए एक आनुवांशिक प्रणाली