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ब्रेस्ट कैंसर का खतरा महिलाओं को ज्यादा होता है, लेकिन ये सोच लेना कि सिर्फ महिलाओं को ही स्तन कैंसर (Breast Cancer) हो सकता है ये गलत है। पुरुषों में भी यह खतरनाक बीमारी हो सकती है। हालांकि, पुरुषों को महिलाओं की तुलना में कम ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) होने की संभावना होती है। ब्रेस्ट कैंसर 400 पुरुषों में से सिर्फ एक को होने की संभावना होती है। ब्रेस्ट कैंसर 50 वर्ष की उम्र के बाद इसके होने की संभावना सबसे अधिक रहती है।
अमेरिकी रिसर्च के मुताबिक, अश्वेत पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना प्रत्येक 100,000 पुरुषों में से 2.7 की होती है। वहीं, श्वेत पुरुषों में हर 100,000 व्यक्ति में से 1.9 लोगों को होने की संभावना होती है। इस शोध के अनुसार, अश्वेत पुरुषों में आमतौर पर ठीक होने की संभावना काफी कम होती है। पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) होने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार पुरुषों द्वारा बरती जाने वाली लापरवाही के कारण भी उनमें ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) हो जाता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि पुरुष भी अपने ब्रेस्ट और शारीरिक जांच नियमित रूप से कराते रहें।
अधिक शराब के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा मोटापा, टेस्टीक्यूलर डिसऑर्डर, जेनेटिक फैक्टर, हार्मोनल इम्बैलेंस, खराब वातावरण, अनहेल्दी खाने की आदत इत्यादि कारणों से पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
सर्जरी के जरिए ब्रेस्ट कैंसर का इलाज अधिकतर डॉक्टर्स द्वारा किया जाता है। सर्जरी में ट्यूमर और स्तन के आसपास के ऊतकों को बाहर निकाला जाता है। इस प्रक्रियाओं के जरिए स्तन ऊतक यानि मास्टेक्टॉमी को हटाया जाता है। सर्जन, सर्जरी द्वारा आपके स्तन के निप्पल और अरोला जैसी चीजों को निकाल देता है।
आज के दौर में कई बीमारियों के लिए रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के रोगियों के इलाज में भी रेडिएशन थेरेपी का इलाज किया जाता है। इस थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए उच्च-ऊर्जा बीम का इस्तेमाल किया जाता है। रेडिएशन थेरेपी में एक्स-रे और प्रोटॉन की किरणों का उपयोग किया जाता है। रेडिएशन थेरेपी के जरिए पुरुष की छाती की मांसपेशियों या उसके आस-पास में किसी भी शेष कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। इस थेरेपी का इस्तेमाल सर्जरी के बाद भी कई बार किया जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर में अधिकांश पुरुषों को स्तन वाले भाग में ट्यूमर बनता है, जो शरीर के हार्मोन बढ़ने पर निर्भर करता है। अगर मरीज कैंसर हार्मोन-संवेदनशील है, तो डॉक्टर्स हार्मोन थेरेपी द्वारा इसका इलाज आसानी से कर सकते हैं।
अधिकतर कैंसर रोगियों का इलाज कीमोथेरेपी के जरिए किया जाता है। कीमोथेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को मारने की दवा दी जाती है। इन कोशिकाओं को मारने के लिए मरीज के बांह की नसों में दवाईयां डाली जाती हैं।
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