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पैरों से पता लगाएं कैसा है आपका दिल! स्टडी में खुलासा कमजोर पैर वालों को दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा

पैरों से पता लगाएं कैसा है आपका दिल! स्टडी में खुलासा कमजोर पैर वालों को दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा
पैरों से पता लगाएं कैसा है आपका दिल! स्टडी में खुलासा कमजोर पैर वालों को दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा

एक स्टडी में ये सामने आया है कि अगर आपके पैर मजबूत हैं तो आपको दिल से जुड़ी बीमारी होने का खतरा और ह्रदय रोग से मौत का खतरा भी कम हो जाता है।

Written by Jitendra Gupta |Published : May 23, 2023 1:07 PM IST

हार्ट अटैक या फिर हार्ट फेल्योर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपका दिल काम करना बंद कर देता है क्योंकि आपकी धमनियों में मौजूद प्लाक और कोलेस्ट्रॉल खून के बहाव को रोकता है। ऐसा नहीं है कि दिल एक बार में ही कमजोर हो जाता है बल्कि कई महीने या फिर साल भी लग जाता है। दिल कमजोर होने से पहले शरीर के कुछ अंग हैं, जो ये संकेत देते हैं कि दिल कमजोर हो चुका है। इन्हीं अंग में से एक है पैर। एक स्टडी में ये सामने आया है कि अगर आपके पैर मजबूत हैं तो आपको दिल से जुड़ी बीमारी होने का खतरा और ह्रदय रोग से मौत का खतरा भी कम हो जाता है।

मजबूत पैर मतलब मजबूत दिल

ये स्टडी गंभीर रूप वाले ह्रदय रोग के खतरे के बाद हार्ट फेल्योरजैसे खतरे के साथ पैरों की मजबूती से जुड़े हुए हाइपोथीसीस से जुड़ा हुआ है। इस स्टडी में 2007 से 2020 के बीच अस्पताल में भर्ती हुए 932 मरीजों से प्राप्त डेटा शामिल है। ये सभी गंभीर रूप से हार्ट फेल्योर के साथ भर्ती हुए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराने से पहले हार्ट फेल्योर नहीं हुआ था और न ही अस्पताल में भर्ती होने के दौरान हार्ट फेल्योर की स्थिति पैदा हुई।

स्टडी में शामिल लोगों की औसतन उम्र 66 साल थी और 753 प्रतिभागी पुरुष थे।

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कैसे हुई ये स्टडी

इस स्टडी में लोगों को एक कुर्सी पर बैठाया गया और उन्हें पैरों की मांसपेशियों को पांच सेकेंड तक कठोर रखने के लिए बोला गया। ऐसा दोनों पैरों के साथ किया गया और फिर दोनों पैरों की औसतन वैल्यू निकाली गई।

किन्हें ज्यादा खतरा

शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के पैर मजबूत थे उनमें हार्ट फेल्योर होने का खतरा उतना ही कम था। वहीं जिन लोगों के पैर कमजोर थे उनमें हार्ट फेल्योर का खतरा ज्यादा था।

ये कारक जिम्मेदार

स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों के पैर मजबूत थे उनमें ताकत ज्यादा थी और उनमें हार्ट फेल्योर का खतरा 41 फीसदी तक कम पाया गया। स्टडी के मुताबिक, नसों के कमजोर होने के बाद हार्ट फेल्योर के खतरे का आकलन करने वाले कारकों को आंका गया। ये कारक थेः

1-उम्र

2-लिंग

3-बॉडी मास इंडेक्स

4-डायबिटीज

5-पहले कोई ह्रदय रोग

6-दिल की अनियमित धड़कन

7-क्रोनिक ओब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डीजिज

8-किडनी के काम करने की क्षमता

बढ़ता बॉडी वेट खतरनाक

स्टडी में ये भी सामने आया कि बॉडी वेट में हर 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी आपके पैरों की मजबूती को प्रभावित करने का काम करती है और हार्ट फ्लेयोर के खतरे को 11 फीसदी को बढ़ाने का काम करती है। इसलिए पैरों का मजबूत होना जरूरी है, जो हार्ट अटैक से जुड़ा हुआ है।

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