Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
युवा मामले और खेल मंत्रालय, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) निदेशालय ने 'स्टॉप चाइल्ड सैक्सुअल एब्यूज' (Child Abuse in India) पहल के तहत 'रक्षिन' अभियान के जरिये बाल यौन उत्पीड़न (Child Sexual Abuse) रोकने का बीड़ा उठाया है। इसके तहत तीन घंटे की प्रो-बोनो कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला में युवा मामले और खेल मंत्रालय, एनएसएस का सहयोग एक संगठन साक्षी करेगा। (Child Abuse in India)
यह भी पढ़ें- पेट दर्द: बच्चों को राहत दिला सकते हैं ये घरेलू नुस्खे
इस योजना को मूर्त रुप देने के लिए 120 घंटे की 'राष्ट्रीय सेवा योजना पाठ्यक्रम' में 'द रक्षिन प्रोजेक्ट' की एक कार्यशाला को आधिकारिक तौर पर शामिल किया गया है। एनएसएस और कार्यशाला के दौरान लोगों को कानून और समान संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना होगा और क्रिएटिव एक्सप्रेशन, काउंसलिंग, कानूनी सहायता और सस्टेंड एंगेजमेंट के जरिए हर समय उनकी सहायता के लिए तैयार रहेगा। (Child Abuse in India)
साक्षी की कार्यकारी स्मिता भारती ने बताया कि 10 साल में सीधे तौर पर चार करोड़ और अप्रत्यक्ष तौर पर 12 करोड़ बाल-युवाओं को जोड़ा जाएगा और उन्हें यौन उत्पीड़न और लैंगिक हिंसा व यौन अपराधों के प्रति जागरुक किया जाएगा, ताकि पूरी पीढ़ी के लिए एक सामाजिक सुरक्षा को प्रमुखता मिल सके। इस अभियान में यही बिंदु मुख्य है।
उन्होंने बताया कि जागरूकता फैलाने के लिए मुख्यधारा वाले मनोरंजन के साधनों के साथ सामाजिक और कानूनी पहलुओं को जोड़ते हुए कार्यक्रम, फिल्मों, भूमिका नाटकों, गीतों, खेलों का सहारा लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें- Bed Wetting: अगर बच्चा करता है बिस्तर पर पेशाब, तो सोने से पहले खिलाएं ये 2 चीज़ें।