कोविड 19 की तीसरी लहर लगभग खत्म हो चुकी है और जिसके चलते लोगों को धीरे-धीरे प्रतिबंधों से राहत मिलने थी। लेकिन इसी बीच चीन समेत कई देशों में फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं, जिससे कोरोना की चौथी लहर (Covid fourth wave) की आहट दिखने लगी है। जैसे ही मामले बढ़ने लगे तो शोधकर्ताओं ने इसके पीछे के कारण का पता लगाने के लिए कुछ अध्ययन किए। वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि ये मामले ओमीक्रॉन के नए प्रकार “स्टील्थ ओमीक्रॉन” (Stealth Omicron) के कारण बढ़ रहे हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह ओमीक्रॉन का ही एक प्रकार यानी उसका सब वैरिएंट है और मेडिकल भाषा में इसे बीए.2 (BA.2) नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार ओमीक्रॉन की तरह ही स्टील्थ ओमीक्रॉन भी काफी संक्रामक हो सकता है। वहीं इसपर कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक इसपर पूरी तरह से अध्ययन नहीं किया गया है, लेकिन आशंका है कि इस वेरिएंट में ओमीक्रॉन से भी ज्यादा तेजी से फैलने की क्षमता हो सकती है। चलिए जानते हैं स्टील्थ ओमीक्रोन के कोरोना के अन्य स्वरूपों से कितना अलग है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार स्टील्थ ओमीक्रॉन वेरिएंट प्रमुख रूप से ऊपरी श्वसन तंत्र ( Upper Respiratory Tract) पर अटैक करता है। वहीं यदि ओमीक्रॉन की बात की जाए तो इससे श्वसन तंत्र पर बहुत ही कम या न के बराबर प्रभाव पड़ता है। डबल्यूएचओ के अनुसार कोरोना का डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) प्रमुख रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है।
वैसे तो ओमीक्रॉन के इस नए वेरिएंट का नाम बीए.2 है, लेकिन इसे स्टील्थ ओमीक्रॉन के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल वैज्ञानिकों का मानना है कि टेस्टों की मदद से इसे डिटेक्ट करना अन्य स्वरूपों की तुलना में थोड़ा मुश्किल है। इसके स्पाइक प्रोटीन में कुछ लक्षण न होने के कारण ही पीसीआर टेस्ट में इसकी पहचान नहीं हो पा रही है।
साइंटिस्ट मानते हैं कि स्टील्थ ओमीक्रॉन कोरोना की चौथी लहर लाने का कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कोरोना के अन्य वेरिएंट्स के मुकाबले स्टील्थ ओमीक्रॉन की पहचान करना थोड़ा मुश्किल है। वहीं कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि स्टील्थ वेरिएंट कोरोना के अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक तीव्रता से फैल सकता है।
इसकी संक्रामकता पर किए गए शोध के आधार पर एक्सपर्ट्स ने बताया कि यह जून या जुलाई के महीने तक अपनी चरम सीमा तक पहुंच सकता है और लगभग अक्टूबर तक रह सकता है। वहीं चीन व अन्य देशों में इसकी पीक अन्य देशों की तुलना में काफी पहले भी आ सकती है।
वहीं अध्ययनकर्ताओं ने कोरोना के स्टील्थ ओमीक्रॉन वेरिएंट पर एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि डेल्टा और ओमीक्रॉन से होने वाले संक्रमणों की तुलना में स्टील्थ ओमीक्रॉन इन्फेक्शन इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने में मदद कर सकता है। हालांकि, अभी फिलहाल इस पर रिसर्च चल रही है, इसलिए इस जानकारी की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
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