चिकित्सकों का कहना है कि स्मार्टफोन व वीडियो गेम आदि पर दिन में सात घंटे से ज्यादा समय बिताने वाले नौ से 10 साल की उम्र के बच्चों के कॉर्टेक्स (मस्तिष्क की बाहरी परत) समय से पहले पतले हो सकते हैं। हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से सिर्फ आंखें ही प्रभावित नहीं होती हैं बल्कि पहले छह वर्षों में एक बच्चे का मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है और उसे निष्क्रिय बैठे रहने की बजाय रचनात्मक स्टिमुलेशन की जरूरत होती है। स्क्रीन कंटेंट केवल निष्क्रियता को बढ़ाती है।