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दुर्लभ प्रकार के कैंसर सारकोमा (Sarcoma Cancer) के बारे में जागरूकता पर चर्चा करते हुए राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) के विशेषज्ञों ने इसकी गलत जांच और इस कारण से इलाज पर पड़ने वाले गलत असर को बड़ी चुनौती बताया है। सरकोमा हड्डी और सॉफ्ट टिश्यू में होने वाला कैंसर है। जुलाई को दुनियाभर में सारकोमा जागरूकता माह (Sarcoma Awareness Month July) के रूप में मनाया जाता है।
आरजीसीआईआरसी के ऑर्थोपेडिक ओंकोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. हिमांशु रोहेला ने कहा, “दुर्भाग्य से विभिन्न अंगों में सारकोमा ट्यूमर की जांच नहीं हो पाती है या अनुचित सर्जरी कर दी जाती है। ऐसे मामलों में कई तरह के नुकसान और अंग खोने का बड़ा खतरा होता है, जो छोटे बच्चों/वयस्कों के जीवन को प्रभावित करता है। आरजीसीआईआरसी सामान्य ऑर्थोपेडिक सर्जनों को सारकोमा का पता (Sarcoma Diagnosis) लगाने के सही तरीकों, इसकी जांच और उपलब्ध उपचार के विकल्पों के बारे में जागरूक कर रहा है।“
हालांकि वयस्कों में होने वाले सभी प्रकार के कैंसर में 3þ और बच्चों में 10-15þ मामलों में सारकोमा होता है, फिर भी इस बीमारी पर ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें जीवन बचाने के साथ-साथ संबंधित अंग की हिफाजत भी जरूरी होती है।
डॉ. रोहेला ने कहा कि आरजीसीआईआरसी जैसे बड़े सारकोमा केंद्र में बड़ी संख्या में मामले देर से सामने आते हैं, जिससे छोटे बच्चों में अंग खोने का खतरा बढ़ जाता है और इलाज का सही परिणाम नहीं मिलता है।
सरकोमा कम उम्र में होता है और उस उम्र में तंबाकू चबाने या खराब जीवनशैली जैसे कोई बड़े रिस्क फैक्टर नहीं होते हैं। इसलिए शुरुआत में ज्यादातर माता-पिता स्वाभाविक रूप से सदमे में होते हैं। एनसीआर में एक बड़ा मसला यह है कि कई अस्पतालों में सारकोमा मैनेजमेंट के लिए टीम नहीं है।
रोकथाम के बारे में बात करते हुए डॉ. रोहेला कहते हैं, रोकथाम इस मामले में कोई खास भूमिका नहीं निभाती है, क्योंकि कोई रिस्क फैक्टर (Sarcoma Risk Factor) नहीं है। इसलिए प्रारंभिक जांच महत्वपूर्ण है। अगर पारंपरिक इलाज से ठीक न हो तो लगातार दर्द या अंगों में बढ़ती सूजन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ऐसा नहीं है कि हर ट्यूमर/गांठ कैंसर है। गांठ किसी संक्रमण के कारण या गैर कैंसर कारक भी हो सकती है। सारकोमा होना एक दुर्लभ स्थिति है। डॉ. रोहेला ने कहा कि विशेष रूप से युवाओं में अंगों में बढ़ती सूजन या दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह सरकोमा हो सकता है।