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लार की मदद से चलेगा ब्रेस्ट कैंसर का पता! ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का दावा 2 हजार महिलाओं की बचेगी जान

लार की मदद से चलेगा ब्रेस्ट कैंसर का पता! ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का दावा 2 हजार महिलाओं की बचेगी जान
लार की मदद से चलेगा ब्रेस्ट कैंसर का पता! ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का दावा 2 हजार महिलाओं की बचेगी जान

ब्रिटेन की मैंनचेस्टर यूनिवर्सिटी की एक टीम ने खास तरीके का लार टेस्ट विकसित किया है, जो ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम का सटीकता से पता लगाने में मदद कर सकता है।

Written by Jitendra Gupta |Published : May 24, 2022 6:08 PM IST

अक्सर कैंसर का पता लगाने के लिए तमाम तरह के टेस्ट किए जाते हैं लेकिन ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने का एक आसान तरीका ढूंढ निकाला है। जी हां, ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने सिर्फ लार के माध्यम से इस कैंसर का पता लगाने का दावा किया है। आइए जानते हैं कैसे।

कैसे किया गया अध्ययन

ब्रिटेन की मैंनचेस्टर यूनिवर्सिटी की एक टीम ने खास तरीके का लार टेस्ट विकसित किया है, जो ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम का सटीकता से पता लगाने में मदद कर सकता है। इस अध्ययन में करीब 2500 महिलाएं शामिल हुई थीं। इस अध्ययन में ब्रेस्ट कैंसर का पतालगाने के लिए करीब 10 वर्षों तक इन महिलाओं का फॉलो अप लिया गया। अध्ययन के अंत में 644 महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर पाया गया।

लार टेस्ट से ब्रेस्ट कैंसर का पता

रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने महिलाओं की चिकित्सा और उनके जीवन इतिहास से जुड़ी जानकारियों के साथ इस नए लार टेस्ट का प्रयोग किया। इसके अलावा उन्हें महिलाओं के स्तन के आकार की भी मांप ली। उन्होंने पाया कि इस लार टेस्ट से महिलाओं में 50 फीसदी तक जोखिम का पता लगाया है।

दो हजार महिलाओं की बच सकती है जान

मैंचेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक गैरेथ ईवांस का कहना है कि अगर ये सभी महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए दवाओं रा सहारा लेती हैं तो एक चौथाई मामलों की रोकथाम संभव है और सालाना दो हजार महिलाओं की इस कैंसर से जान बचाई जा सकती है। इसके अलावा अगर हर साल युवा महिलाएं मैमोग्रामकराती हैं तो भी हर साल बहुत सी महिलाओं की जान बचाई जा सकती है।

इवांस ने कहा कि ये टेस्ट विशेष रूप से 50 साल से कम उम्र की महिलाओं के लिए बहुत ही जरूरी हो जाता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के हर पांच में से एक मामलों का शिकार बनती है।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव साजिद जावेद ने इन इस टेस्ट का स्वागत किया है, जो कि आशावादी परिणाम दे रही है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के नवाचार शोध पर हम बारीकी से नजर रख रहे हैं, जो कि हमारे दृ्ष्टिकोण में मदद करते हैं और मरीजों के उपचार को तेज कर सकते हैं।

जीन टेस्ट से ब्रेस्ट कैंसर का पता

जर्नल जेनेटिक्स इन मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्षों में ये बताया गया कि ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हर 50 में से एक महिला में म्यूटेशन होता है। ये म्यूटेशन BRCA1 or BRCA2 जीन में होता है, जो इस बीमारी के खतरे को बढ़ा देता है। अध्ययन में शामिल ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित नौ महिलाओं में से सिर्फ तीन में ही शोधकर्ता मौजूदा जीन टेस्ट की मदद से ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाए पाए थे।

30 की उम्र में टेस्टिंग जरूरी

टीम ने पाया कि मैमोग्राम स्क्रीनिंग न सिर्फ उच्च जोखिम वाली महिलाओं के लिए जरूरी है बल्कि कम जोखिम वाले हर 5 में से एक महिला के लिए भी जरूरी है। इसलिए टीम ने इस नए टेस्ट को 30 साल से कम उम्र की महिलाओं के लिए भी शुरू करने का फैसला किया है ताकि उनमें कैंसर का जोखिम पता लगाया जा सके।

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