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Coronavirus and Older Adults: इंटरनेट पर ‘‘कोरोना’’ शब्द खूब चल रहा है और दुर्भाग्य से, यह डरावना है। माना जा रहा है कि ‘‘नोवेल कोरोनावायरस’’ (Novel Coronavirus) या ‘‘2019-एनसीओवी’’ वुहान, चीन के नम बाजारों से निकला और उसने बड़ी जल्दी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का ध्यान आकर्षित किया। देखते ही देखते कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। हर दिन कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। लोगों को इसके प्रति जागरूक होना होगा, देश में लगे लॉकडाउन का पालन करना होगा। कुछ सावधानियों और उपायों को अपनाकर आप भी इस खतरनाक वायरस से बच सकते हैं। सीनियॉरिटी के को-फाउंडर्स आयुष अग्रवाल और तपन मिश्रा बता रहे हैं, कोरोनावायरस बुजुर्गों के लिए क्यों है अधिक खतरनाक (Risk of Covid-19 in Elderly in hindi)...
कोरोनावायरससे सर्दी, बुखार, खांसी, सांस छोटी होना से लेकर गंभीर निमोनिया, मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिन्ड्रोम (एमईआरएस-सीओवी) और सीवीयर एक्युट रेस्पिरेटरी सिन्ड्रोम (एसएआरएस-सीओवी) और मौत तक भी हो सकती है।
Coronavirus Updates India : देश में कोरोना पीड़ित लोगों की संख्या 1024 हुई, 27 की मौत
सामान्य रूप से, कोरोनावायरस तब फैलता है, जब एक स्वस्थ व्यक्ति एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है या जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो उससे निकलने वाले रेस्पाइरेटरी ड्रॉपलेट्स से यह वायरस फैलता है। कोविड-19 तब भी फैल सकता है, जब एक स्वस्थ व्यक्ति ऐसी सतहों या वस्तुओं के संपर्क में आता है, जिन पर वायरस होता है और फिर यदि वह बिना अपने हाथ धोये अपने मुँह, नाक या आँखों को छूता है।
आयु बढ़ने के साथ स्वास्थ्य सम्बंधी कई जटिलताएं होती हैं, क्योंकि डब्ल्यूबीसी (श्वेत रक्त कणिका) नामक शरीर की संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाएं बीतते समय के साथ कम होती जाती हैं। इसके कारण पैथोजन्स को रोकने की क्षमता और प्रतिरोधकता कम होती है, इसलिए वरिष्ठ नागरिक गंभीर बीमारियों को लेकर ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इसके अतिरिक्त, कैंसर और मधुमेह जैसे स्थायी रोग भी वायरस का प्राकृतिक रूप से प्रतिकार करने की शरीर की क्षमता को कम करते हैं और उसे संक्रमण के लिए अधिक संवेदनशील बनाते हैं।