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सरकार का नकली दवाइयों पर कड़ा प्रहार, दवा के पैकेट्स पर डालना होगा QR कोड, पब्लिक को होगा ये फायदा 

सरकार का नकली दवाइयों पर कड़ा प्रहार, दवा के पैकेट्स पर डालना होगा QR कोड, पब्लिक को होगा ये फायदा 

नकली दवाओं पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है इसके तहत अब दवाइयों के पैकेज पर क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य होगा। 

Written by Atul Modi |Published : January 22, 2022 2:16 PM IST

भारत सरकार ने नकली दवाओं और उस में प्रयोग की जाने वाली घटिया सामग्रियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पैकेजिंग के नियमों में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है। इसके तहत अब दवाओं को बनाने में प्रयोग होने वाले एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट्स (API) पर अब QR कोड लगाना अनिवार्य कर दिया है। इससे नकली दवाओं पर नकेल कसने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार का यह फैसला जनवरी 2023 से प्रभावी होगी। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि, इस फैसले का आने वाले दिनों में पब्लिक को फायदा मिलेगा।

QR कोड क्या है, दवाओं पर इसके होने से पब्लिक को क्या फायदा होगा?

  1. QR का मतलब क्विक रिस्पांस होता है, यह बारकोड का एक अपग्रेड वर्जन है, जो कुछ सेकड में ही उत्पाद की जानकारी आप अपने मोबाइल के माध्यम से जान सकते हैं। दवाइयों के पैकेज पर क्यूआर कोड होने से कोई भी व्यक्ति आसानी से असली और नकली दवाओं की पहचान कर पाएगा।
  2. API पर QR कोड होने से फार्मास्यूटिकल कंपनियों का पता लगाने और इस तरह की जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी कि, क्या दवा के फार्मूले के साथ कोई छेड़छाड़ हुई है, कच्चे माल की उत्पत्ति कहां से है और उत्पाद कहां जा रहा है? इससे असली और नकली दवाओं के बीच अंतर स्पष्ट करने में मदद मिलेगी, साथ ही दवा की सही कीमत भी सुनिश्चित होगी।
  3. QR कोड के अंतर्गत यूनिक प्रोडक्ट आईडटिफिकेशन कोड, दवा में उपयोग होने वाली सामग्रियों के नाम, ब्रांड का नाम, निर्माता का नाम और पता के साथ निर्माण की तारीख और एक्सपायरी डेट की आदि जानकारी मिल सकेगी।
  4. इसके अलावा क्यूआर कोड स्कैनर सॉफ्टवेयर से जुड़ा होता है, जिसमें सभी ब्रांडों का मूल्य, डेटा की जानकारी होती है, जिसका नियंत्रण राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण के पास होता है।
  5. आपको बता दें कि, क्यूआर कोड की नकल करना नामुमकिन होता है, क्योंकि यह प्रत्येक बैच नंबर के साथ बदलता है। जून 2019 में ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने क्यूआर कोड लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।