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कोरोनावायरस खत्म होने के बाद दुनियाभर में कम हो सकती है फर्टिलिटी : वैज्ञानिकों का दावा

लॉकडाउन के कारण कई महीनों तक लोगों को अपने घरों में रहना पड़ता है। घर में रहने की वजह से लोगों के पास काफी समय रहता है। इसी कारण आशंका जताई जा रही थी कि इस वर्ष 2020 के अंत तक "बेबी बूम" अधिक होंगे। संभावना है कि बेबी बूम साल के अंत तक आएंगे भी, लेकिन इस महामारी के खत्म होने के बाद लोगों की फर्टिलिटी पर इसका गहरा असर (Coronavirus and Fertility) पड़ेगा।

By: Kishori Mishra   | Edited by: Kishori Mishra   | | Updated: September 1, 2020 10:01 am
Tags: Coronavirus  coronavirus outbreak  coronavirus pandemic  Food for coronavirus  monsoon and coronavirus  novel Chinese coronavirus  
Coronavirus and fertility
कोरोनावायरस खत्म होने के बाद दुनियाभर में कम हो सकती है फर्टिलिटी : वैज्ञानिकों का दावा

Coronavirus and Fertility : कोरोना वायरस ने पूरे देश और दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इस वायरस की वजह से एक ओर जहां लाखों लोगों की जान चली गई, वहीं दूसरी ओर करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरियां खोई हैं। कोरोनावायरस की वजह से अरबों लोग मेंटल स्ट्रेस के शिकार हो चुके हैं। इस महामारी ने चारों ओर तहलका मचा रखा है और खत्म होने के बाद भी इसका असर सालों तक पूरी दुनिया में रहने वाला है। देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी कोरोनावायरस ने जबरदस्त चोट पहुंचाई है, जिससे उबरने में लोगों को काफी समय लग जाएगा। कोरोनावायरस एक ऐसी महामारी है, जिसने हर एक जाति, वर्ग, उम्र के लोगों को प्रभावित किया है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर लोगों की नौकरी तक को जोखिम (Coronavirus and Fertility) में डाल दिया है। Also Read - Warning signs of COVID hospitalization: कोरोना होने के बाद दिखें ये 2 लक्षण तभी हो अस्‍पताल में भर्ती, नहीं तो घर में ही करें इलाज

जब-जब दुनिया में महामारी ने दस्तक दी है, तब-तब दुनियाभर में लॉकडाउन का मॉडल अपनाकर लोगों को इस महामारी से बचाने की कोशिश की गई है। लॉकडाउन के कारण कई महीनों तक लोगों को अपने घरों में रहना पड़ता है। घर में रहने की वजह से लोगों के पास काफी समय रहता है। इसी कारण आशंका जताई जा रही थी कि इस वर्ष 2020 के अंत तक “बेबी बूम” अधिक होंगे। संभावना है कि बेबी बूम साल के अंत तक आएंगे भी, लेकिन इस महामारी के खत्म होने के बाद लोगों की फर्टिलिटी पर इसका गहरा असर (Coronavirus and Fertility) पड़ेगा। Also Read - Covid-19 Death in India: भारत के इन 10 राज्यों में कोरोना से हुई 86 प्रतिशत मौतें, महाराष्ट्र और दिल्ली टॉप पर



आर्थिक मंदी की वजह से कम पैदा होंगे बच्चे

प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल साइंस में छपे अध्ययन के अनुसार, महामारी खत्म होने के बाद पूरी दुनिया में लोगों के अंदर फर्टिलिटी कम हो सकती है और इसकी सबसे बड़ी वजह है आर्थिक मंदी या आर्थिक अनिश्चितता। अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोनावायरस जबतक पूरी दुनिया में समाप्त होगी, तब तक पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी होगी। खराब आर्थिक स्थिति की वजह से बच्चों का पालन-पोषण करना काफी मुश्किल हो सकती है, इस वजह से विशेषज्ञों का कहना है कि पूरी दुनिया में आगे आने वाले समय में फर्टिलिटी घटेगी। यह अध्ययन निष्कर्ष समाज, इतिहास, अर्थ और स्थान को ध्यान में रखकर निकाला गया है। Also Read - यूपी में बढ़ी 'जय श्रीराम' मास्क की मांग, लोगों ने कहा, इसे पहनेंगे तो भगवान जल्द करेंगे वायरस का नाश

अधिक इनकम वाले देशों पर पड़ेगा इसका बुरा असर 

इस बारे में इटली के Bocconi University के प्रोफेसर Arnstein Aassve ने कहा, “हालांकि इस तरह की बातों पर पहले से अनुमान लगाना काफी कठिन है, लेकिन फिलहाल के हालातों को देखकर यही कहा जा सकता है कि आगे आने वाले समय में फर्टिलिटी घटेगी, कम से कम हाई इनकम वाले देशों में इसका थोड़े समय के लिए असर जरूर रहेगा।”

इतिहास को बदल सकती है कोविड-19 महामारी

अगर हम इतिहास के पन्नों को उठाकर देखें, तो जब-जब युद्ध के कारण अधिक संख्या में लोगों की मृत्यु हुई है, तब-तब दुनिया में अधिक बच्चे पैदा हुए हैं। जब दुनिया में स्पैनिश फ्लू ने दस्तक दी थी, तब अधिक बच्चे पैदा किए गए थे। लेकिन इतिहास के इस ट्रेड को कोरोवनावायरस तोड़ सकता है और संभव है कि इस हेल्थ इमरजेंसी की वजह से कम बच्चे पैदा हो सकते हैं।

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Published : September 1, 2020 10:00 am | Updated:September 1, 2020 10:01 am
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