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भारत में कोरोना वायरस महामारी के दौरान लगातार लोगों ने पारंपरिक चिकित्सा की मदद ली और शरीर को बीमारी से लड़ने के लिए तैयार किया। इस दौरान ज्यादातर लोगों ने हर्ब्स और जड़ी बूटी की मदद से विभिन्न छोटी मोटी बीमारियों के इलाज के बारे में जाना और अब दुनिया इसके बारे में जानेगी। जी हां, आज पीएम मोदी भारत में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (WHO Global Centre for traditional medicine) की स्थापना करेंगे। ये केंद्र दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र आउटपोस्टिड वैश्विक केंद्र होगा जो कि भारत के गुजरात राज्य में खुलने जा रहा है। ये पारंपरिक चिकित्सा केंद्र गुजरात के जामनगर में खोला जा रहा है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बीच इस पर समझौता हुआ है और इसी के तहत भारत में ये केंद्र खुला जाएगा।
आयुष मंत्रालय और गुजरात सरकार ने सोमवार को भारत में पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में दो प्रासंगिक विकासों पर चर्चा करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया है। आयुष मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि दोनों कार्यक्रम गुजरात में आयोजित किए जा रहे हैं और इसमें पीएम मोदी, मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद जगन्नाथ और डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस की भी उपस्थित होंगे। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने 5वें आयुर्वेद दिवस पर 13 नवंबर, 2020 को इसकी घोषणा की थी जिसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक पारंपरिक औषधि केंद्र की स्थापना को 9 मार्च को मंजूरी दे दी थी।
डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (WHO Global Centre for traditional medicine) की स्थापना के पीछे एक सोच यही है कि ये केंद्र हमारे पारंपरिक औषधियों को दुनिया तक पहुंचा सके। ये केंद्र भारत के आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति जिसमें कि कुछ पुराने घरेलू उपचार भी शामिल हैं, उन्हें दुनिया तक ले जाएगी। इससे भारत की कुछ पुराने औषधी और इन्हें इस्तेमाल करने का तरीका लोगों तक पहुंचेगा।
इतना ही नहीं ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन में पारंपरिक चिकित्सा की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता, पहुंच और तर्कसंगत उपयोग को सुनिश्चित करने पर खास ध्यान दिया जाएगा। साथ ही डेटा अंडरटेकिंग एनालिटिक्स एकत्र करने और औषधियों के प्रभाव का आकलन करने के लिए प्रासंगिक तकनीकी क्षेत्रों, उपकरणों और कार्यप्रणाली में मानदंड, मानक और दिशानिर्देश विकसित करने के काम भी इसके द्वारा किया जाएग। इसके अलावा मौजूदा टीएम डेटा बैंकों, पुस्तकालयों, शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से डब्ल्यूएचओ टीएम सूचना विज्ञान केंद्र की अवधारणा को सुनिश्चित करने का भी काम होगा। साथ ही चिकित्सा पद्धति को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के शोध भी किए जाएंगे।
इस तरह ये ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर आगे चलकर विश्व में भारत की अपनी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देगी। इससे भारत का तो नाम होगा कि साथ ही विश्व कल्याण में आयुष और आयुर्वेद की भी खास भूमिका होगी।