अटलांटा के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना वायरस का ज्यादा सिर्फ मोटे लोगों को ही नहीं बल्कि उन लोगों को भी है जिनका वजन महज कुछ किलो ही ज्यादा है। चौथे सार्वजनिक परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान द्वारा जारी की गई चेतावनी में भारतीयों को कोराना का खतरा बताया है क्योंकि यहां लगभग 40% लोग ओबेसिटी और ओवरवेट के शिकार हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि अधिक वजन वाले भारतीयों को कोविड-19 का अधिक जोखिम है। डॉ अनूप मिश्रा,अध्यक्ष, फोर्टिस सी-डॉक कहते हैं कि मोटापे को भारतीयों में बाहरी लोगों की तुलना में कम वजन पर परिभाषित किया जाता है, क्योंकि वजन के ऐसे स्तरों पर भी पूर्व में देखा गया है कि बॉडी फैट उच्च साइटोकिन लोड को प्रेरित करता है, जिसे कोविड-19 द्वारा स्पष्ट रूप से बढ़ाया जाता है। इसलिए भारतीयों में हल्के से मध्यम मोटापे के कारण कोविड-19 की जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
हालांकि, संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए शारीरिक गतिविधि की जा सकती है। जो व्यक्ति नियमित रूप से एक्सरसाइज करता है और अच्छी डाइट फॉलो करता है उसे कोरोना का अधिक खतरा नहीं रहता है। डॉ मोहन के डायबिटीज़ स्पेशियलिटीज़ सेंटर के अध्यक्ष डॉ वी मोहन कहते हैं कि कोरोना होने के पीछे ओबेसिटी बहुत बड़ा रिस्क फैक्टर है। अच्छी खबर यह है कि वजन को संतुलित रखकर कोरोना के जोखिम को कम किया जा सकता है। डॉ कहते हैं कि एक्सरसाइज की मदद से वजन को संतुलित करने में तो मदद मिलती ही है साथ ही इससे इम्युनिटी को बूस्ट होने, एक्सेस फैट कम होने, इंसुलित को सुधारने और टाइप 2 डायबिटीज भी कंट्रोल होती है।
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