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Delhi GTB Hospital: दिल्‍ली के जीटीबी अस्पताल में सिर्फ 4 घंटे की बची है ऑक्सीजन, जानिए अन्‍य अस्‍पतालों का हाल

Delhi GTB Hospital: दिल्‍ली के जीटीबी अस्पताल में सिर्फ 4 घंटे की बची है ऑक्सीजन, जानिए अन्‍य अस्‍पतालों का हाल
दिल्‍ली सरकार स्वास्थ के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है।

दिल्‍ली के अस्‍पतालों की हालत दिनप्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। दिल्‍ली के लगभग सभी बड़े अस्‍पतालों में ऑक्‍सीजन खत्‍म होने की कगार पर आ चुकी है। जीटीबी अस्‍पताल (Delhi GTB Hospital) में केवल अगले 4 घंटे के लिए ऑक्‍सीजन (oxygen shortage in delhi hospitals in hindi) बची है।

Written by Rashmi Upadhyay |Updated : April 21, 2021 12:05 PM IST

दिल्‍ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्डतोड़ मामले दर्ज हुए हैं। राजधानी में मंगलवार को 28,395 नए केस आने के बाद हाहाकार मच गया है। अस्‍पतालों की हालत ये है कि वहां पहले से ही मरीजों की लंबी लाइन लगी है, लोग ऑक्‍सीजन के बिना दम तोड़ रहे हैं और अब इतनी बड़ी संख्‍या में नए मरीज आने के बाद सरकार के भी हाथ पैर फूल गए हैं। दिल्‍ली के लगभग सभी बड़े अस्‍प्‍तालों में ऑक्‍सीजन समाप्‍त (Oxygen Shortage in Delhi Hospitals in hindi) होने की कगार पर आ चुकी है। दिल्‍ली के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल, जीटीवी अस्पताल में सिर्फ 4 घंटे के लिए की ऑक्सीजन बची है। ये स्थिति तब है जब जीटीबी अस्पताल में अभी 500 कोरोना रोगी ऑक्सीजन पर है। दिल्ली सरकार के मुताबिक उन्होंने केंद्र सरकार से तुरंत ऑक्‍सीजन की मांग की है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जीटीबी अस्पताल में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है। ऑक्सीजन 4 घंटे से अधिक नहीं चल सकती है। यहां ऑक्सीजन बेड पर 500 से अधिक कोरोना रोगियों का उपचार चल रहा है। सत्येंद्र जैन ने कहा, "हम केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से इस बड़े संकट को टालने के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति बहाल करने की अपील करते हैं।" यदि पुराने रोगियों के लिए ही ऑक्‍सीजन की कमी हो रही है तो नए मरीजों का क्‍या होगा? स्थिति वाकई बेहद सोचनीय हो गई है!

Hospital for corona patient in delhi

दिल्‍ली के अन्‍य अस्‍पतालों में केवल 8 से 12 घंटे के लिए बची है ऑक्सीजन

वहीं, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ऑक्सीजन की कमी पर कहा, "दिल्ली में अधिकतर अस्पतालों में केवल अगले 8 से 12 घंटे के लिए ही ऑक्सीजन उपलब्ध है। हम एक ह़फ्ते से दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई कोटा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जोकि केंद्र सरकार को करना है। अगर बुधवार सुबह तक पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं पहुंची तो हाहाकार मच जाएगा।" दिल्ली में ऑक्सीजन का गंभीर संकट है। मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा, "दिल्ली में ऑक्सीजन का गंभीर संकट बना हुआ है। मैं केंद्र सरकार से फिर आग्रह करता हूं कि वह दिल्ली को तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध कराए। कुछ अस्पतालों में कुछ ही घंटे के लिए ऑक्सीजन बची है।"

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सीएम केजरीवाल ने केंद्र से की ऑक्‍सीजन की मांग

मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि स्थिति ये है कि सभी अस्‍पतालों में ऑक्सीजन की कमी है इसलिए सब अस्पतालों के एसओएस के फोन आने लगे हैं। ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले लोगों को अलग-अलग राज्यों में रोक दिया जा रहा है। ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर राज्यों के बीच आपाधापी न हो। इस पर केंद्र सरकार को बेहद संवेदनशील और सक्रिय रहना होगा। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों के साथ दिल्ली में अधिक से अधिक संख्या में ऑक्सीजन बेड बढ़ाने पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को दिल्ली में अधिक से अधिक ऑक्सीजन बेड बढ़ाने पर बल देने का निर्देश दिया। सीएम ने कहा कि देखा जा रहा है कि अस्तपाल में आने वाले अधिकतर मरीजों में ऑक्सीजन स्तर कम पाया जा रहा है। उनको जल्द से जल्द ऑक्सीजन दिया जा सके, जिससे कि उनके स्वास्थ्य में जल्द सुधार आ सके और बेहतर इलाज मिल सके।

covid-19

दिल्‍ली में नोएडा और राजस्‍थान से आते हैं ऑक्‍सीजन सिलेंडर

समीक्षा बैठक में दिल्ली में दूसरे राज्यों से आ रहे ऑक्सीजन के सिलेंडर पर विस्तृत चर्चा की गई। अधिकारियों ने सीएम को अवगत कराया कि दिल्ली में नोएडा और राजस्थान से ऑक्सीजन के सिलेंडर आते हैं। नोएडा और राजस्थान से ऑक्सीजन के सिलेंडरों को दिल्ली तक पहुंचने में कई तरह की बांधाओं का सामना करना पड़ता है और जब भी बांधाएं आती हैं, तब केंद्र सरकार से बात करनी पड़ती है। सीएम ने अधिकारियों को केंद्र सरकार से बात कर इन बाधाओं को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार से बातचीत जारी है और केंद्र से मांग की जा रही है कि नोएडा और राजस्थान से आने वाले ऑक्सीजन के सिलेंडरों बिना किसी बांधा के दिल्ली आने दिया जाए। इससे ऑक्सीजन के सिलेंडरों को दिल्ली में पहुंचने में कम समय लगेगा और लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सकेगी।