• हिंदी

5 साल से कम उम्र के एक-तिहाई बच्चे कुपोषण के शिकार : यूनिसेफ

5 साल से कम उम्र के एक-तिहाई बच्चे कुपोषण के शिकार : यूनिसेफ
5 साल से कम उम्र के एक-तिहाई बच्चे कुपोषण के शिकार : यूनिसेफ. ©pexels

पांच साल से कम के 34 करोड़ बच्चे जरूरी विटामिनों और अन्य खनिज पदार्थो की कमी से पीड़ित हैं और चार करोड़ बच्चे मोटापा या ज्यादा वजन से पीड़ित हैं। मोटापा या ज्यादा वजन पिछले कुछ सालों में बच्चों में महामारी के रूप में फैला है।

Written by IANS |Updated : October 15, 2019 4:42 PM IST

यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, पांच साल से कम उम्र के प्रत्येक तीन में से एक बच्चा कुपोषण या ज्यादा वजन का शिकार है। इससे दुनियाभर में कुपोषित आहार के परिणामों के प्रति सतर्क कर दिया है। यूनिसेफ ने सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में चेतावनी दी कि करोड़ों बच्चे अपनी जरूरत से बहुत कम खाना खाते हैं और जिसकी जरूरत नहीं होती है उसे अत्यधिक मात्रा में खाते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, "दुनियाभर में बीमारियां फैलने के पीछे अब मुख्य खतरा खराब आहार है।"

यूनिसेफ के अनुसार, इनमें से कई बच्चों पर दिमाग के अल्प विकास, याद करने में परेशानी, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता और संक्रमण तथा बीमारियों का खतरा है।

Also Read

More News

यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा, "बेहतर विकल्प नहीं होने के कारण करोड़ों बच्चे अस्वास्थ्यकर भोजन से ही गुजारा करते हैं।"

रिपोर्ट में कुपोषण के तीन बोझ बताए- अल्पपोषण, छिपी हुई भूख और अधिक वजन।

यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में दुनियाभर में पांच साल से कम के 14.9 करोड़ बच्चे अविकसित और लगभग पांच करोड़ बच्चे कमजोर थे।

आम धारणा के विपरीत, ज्यादातर कमजोर बच्चे आपातकाल का सामना कर रहे देशों की तुलना में एशिया में ज्यादा थे।

इसके अलावा, पांच साल से कम के 34 करोड़ बच्चे जरूरी विटामिनों और अन्य खनिज पदार्थो की कमी से पीड़ित हैं और चार करोड़ बच्चे मोटापा या ज्यादा वजन से पीड़ित हैं। मोटापा या ज्यादा वजन पिछले कुछ सालों में बच्चों में महामारी के रूप में फैला है।

उप्र में 50 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार.

बाल कुपोषण दूर करने में उत्‍तर प्रदेश की मदद करेगा यूनिसेफ, जानें क्‍या है बाल कुपोषण.

झारखंड में महिलाएं ‘किचन गार्डन’ से दूर कर रहीं हैं कुपोषण.

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 48.6 करोड़ लोग कुपोषित और मोटे, ऐसे करें वेेट मैनेजमेंट.

कुपोषण संकट का उपाय तलाशेंगे 13 देशों के विशेषज्ञ.