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शिशु को स्तनपान कराती हैं तो भी लें कोरोना वैक्सीन, ब्रेस्ट मिल्क में टीके का कोई निशान नहीं मिला: स्टडी

शिशु को स्तनपान कराती हैं तो भी लें कोरोना वैक्सीन, ब्रेस्ट मिल्क में टीके का कोई निशान नहीं मिला: स्टडी
शिशु को स्तनपान कराती हैं, तो भी लें कोरोना वैक्सीन, ब्रेस्ट मिल्क में टीकों का कोई निशान नहीं मिला: स्टडी

एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं के लिए कोरोना वैक्सीन सुरक्षित (Corona Vaccine safety for Breastfeeding women) है और शुरुआती सबूत के अनुसार कोरोना के खिलाफ दिए गए शॉट शिशु को हस्तांतरित नहीं होते हैं।

Written by Anshumala |Published : July 19, 2021 10:02 AM IST

Corona Vaccine and Breastfeeding in Hindi: आज के कोरोना काल के दौरान अपने शिशु को ब्रेस्टफीड कराने वाली अधिकतर मांएं इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कोरोना का टीका लेने से शिशु को कोई नकुसान न पहुंच जाए। पर अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एक नई स्टडी में ये बात सामने आई है कि कोरोना वैक्सीन का मां के दूध पर कोई नकारात्मक (side effects of covid vaccine on breast milk) असर नहीं पड़ता है। यह अध्ययन कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी-सैन फ्रांसिस्को (यूसीएसएफ) के शोधकर्ताओं ने किया है। इस अध्ययन के अनुसार, प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं के लिए कोरोना वैक्सीन सुरक्षित (Corona Vaccine safety for Breastfeeding women) है और शुरुआती सबूत दर्शाते हैं कि कोविड के खिलाफ दिए गए शॉट शिशु को हस्तांतरित नहीं होते हैं।

शोधकर्ताओं ने एमआरएनए-फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन प्राप्त करने के बाद 7 महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क का विश्लेषण किया। ब्रेस्ट मिल्क में टीकों का कोई निशान (No sign of covid vaccine in breast milk) नहीं मिला, जो सार्स-सीओवी 2 (SARS-cov2) के संचरण को रोकने के लिए जाने जाते हैं। यही वायरस कोरोना के होने का कारण बनता है।

जामा बाल रोग (JAMA Pediatrics) में हुए विस्तृत अध्ययन के अनुसार, स्तनपान के दौरान कोरोना का टीका सुरक्षा का पहला प्रत्यक्ष डाटा प्रदान करता है। ऐसी मांओं के चिंता को दूर कर सकता है, जिन्होंने पहले टीकाकरण से इनकार कर दिया है। कुछ महिलाओं ने तो ये सोचते हुए कि वैक्सीन के कारण मानव दूध बदल सकता है, इस चिंता के कारण अपने शिशु को ब्रेस्टफीडकराना ही बंद कर दिया है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी कहना है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को टीका लगाया जाए। हालांकि, स्तनपान चिकित्सा अकादमी का ये कहना है कि वैक्सीन नैनोकणों या एमआरएनए ब्रेस्ट की टिशू में प्रवेश करने या दूध में स्थानांतरित होने का थोड़ा जोखिम है, जो सैद्धांतिक रूप से शिशु की प्रतिरक्षा को प्रभावित कर सकता है।

शिशु को स्तनपान कराती हैं, तो भी लें कोरोना वैक्सीन

यूसीएसएफ में मातृ-भ्रूण चिकित्सा के सहायक प्रोफेसर स्टेफनी एल गॉ के अनुसार, 'परिणाम वर्तमान सिफारिशों को मजबूत करते हैं कि एमआरएनए टीके स्तनपान में सुरक्षित हैं। शिशु को स्तनपान कराने वाली सभी महिलाओं को कोरोना की वैक्सीन जरूर लेनी चाहिए और उन्हें स्तनपान बंद नहीं करना चाहिए। परीक्षण किए गए दूध के किसी भी नमूने में एमआरएनए से जुड़े टीके का पता नहीं लगा। ये निष्कर्ष स्तनपान के दौरान एमआरएनए-आधारित टीकों के उपयोग की सुरक्षा के संबंध में प्रयोगात्मक साक्ष्य प्रदान करते हैं।'

ब्रेस्ट मिल्क में टीके का कोई निशान नहीं मिला

यह स्टडी दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 तक किया गया था, जिसमें 37.8 वर्ष की उम्र वाली मांओं को शामिल किया गया था। शिशु की उम्र एक महीने से लेकर तीन वर्ष तक थी। वैक्सीनेशन से पहले और वैक्सीनेशन के 48 घंटे बाद तक कई बार दूध के नमूने लिए गए। शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के परिणाम में पाया कि किसी भी नमूने में दूध के किसी भी घटक में वैक्सीन एमआरएनए का पता लगाने योग्य स्तर नहीं दिखा।हालांकि, यह अध्ययन छोटे स्तर और कम नमूने के आकार पर ही आधारित था। ऐसे में स्तनपान के परिणामों पर टीकों के प्रभाव का बेहतर अनुमान लगाने के लिए अधिक संख्या में क्लिनिकल डाटा लेकर दोबारा से अध्ययन की जरूरत है।